पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाया जाए
2018-19 के लिए आम बजट फरवरी में संसद में पेश होने वाला है और इस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली की टीम दिन-रात उसे आकार देने में जुटी हुई है। आम जनता की राय है कि आम बजट लोगों को राहत देने वाला होना चाहिए।
जागरण टीम, नवांशहर : 2018-19 के लिए आम बजट फरवरी में संसद में पेश होने वाला है और इस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली की टीम दिन-रात उसे आकार देने में जुटी हुई है। आम जनता की राय है कि आम बजट लोगों को राहत देने वाला होना चाहिए। इस आम बजट से लोगों को क्या उम्मीद है, जानते हैं शहर के गणमान्य लोगों से उनके विचार।
राकेश अरोड़ा का कहना है कि लगातार बढ़ती महंगाई ने पहले से ही आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। ऊपर से लोगों की आय में कुछ खास वृद्धि नहीं हुई। ऐसे में लोगों की उम्मीद है कि आगामी बजट में वित्त मंत्री महंगाई से तो निजात दिलाएंगे ही साथ ही कुछ ऐसे उपाय भी करेंगे। जिससे लोगों की जेब में कुछ पैसे भी आएं। होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट दो लाख रुपये से मिलनी चाहिए। पहले घर के लिए कर्ज के ब्याज पर छूट मिलनी चाहिए। वहीं घर के पजेशन से पहले भी कर्ज के ब्याज पर छूट मिलनी चाहिए।
डॉक्टर ते¨जद्र पाल ¨सह का कहना है कि देश का बजट पेश होने वाला है, कोई टैक्स न बढ़े और कुछ टैक्स में राहत मिले। इन से आम जनता परेशान है। इस बजट में देश के विकास के लिए कुछ ऐसी योजनाएं आएं जिनसे नौकरियों के मौके बढें या फिर इंफ्रास्ट्रक्टर को बूस्ट देने के लिए ऐलान हों। महिलाएं को पुरुषों से ज्यादा टैक्स छूट मिलनी चाहिए। महिलाओं को कम से कम तीन लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलनी चाहिए।
राजन अरोड़ा का कहना है कि टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये करनी चाहिए और टैक्स स्लैब में बदलाव करना चाहिए। 30 फीसदी की टैक्स दर का स्लैब 25-30 लाख रुपये तक होनी चाहिए। इंश्योरेंस को 80 सी से अलग कर देना चाहिए और उसमें लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर अलग से टैक्स छूट मिलनी चाहिए। पीपीएफ को 80 सी से अलग कर देना चाहिए और उसमें प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये से ज्यादा की सीमा मिलनी चाहिए।
¨प्रसिपल प्रवीण कौर का कहना है कि सरकार को चाहिए कि शिक्षा के बजट में बढ़ोत्तरी करें, ताकि देश में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। अगर हमारे नौजवान शिक्षित होंगे तभी देश तरक्की करेगा और शिक्षा में काफी सुधार करने की जरूरत है जिससे देश का कोई भी छोटा या बड़ा अनपढ़ न रह सके।
डॉ. एलआर बद्धन कहते हैं कि सरकार को ऐसे उपाय करने चाहिए कि महंगाई काबू में आए। शिक्षा सस्ती व आम लोगों के पहुंच में हो। महंगाई पेट्रोलियम की कीमतों से जुड़ी है। यदि इस पर टैक्स कम कर दिया जाए या जीएसटी के दायरे में लाया जाए तो महंगाई पर अंकुश लग सकेगा।
डा. दिगविजय ¨सह का कहना है कि सरकार को टैक्स में संशोधन करना चाहिए। आठ लाख तक टैक्स फ्री होना चाहिए और डेढ़ से तीन लाख रुपये तक कोई भी जांच नहीं होनी चाहिए। ऐसे में लोगों की उम्मीद है कि इस बजट में वित्त मंत्री महंगाई से तो निजात दिलाएंगे ही साथ ही कुछ ऐसे उपाय भी करेंगे। जिससे लोगों की जेब पर इसका असर न पड़े।