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बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ करेगी मॉक ड्रिल

नवांशहर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ )की ओर से बाढ़ एवं अन्य कुदरती आपदाओं से पैदा हो रही स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों एवं प्रबंधन का मॉक ड्रिल शुक्रवार को रोपड़ हेड व‌र्क्स में सुबह 11 30 बजे किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 10:50 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 06:25 AM (IST)
बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ करेगी मॉक ड्रिल
बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ करेगी मॉक ड्रिल

जेएनएन, नवांशहर : नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ )की ओर से बाढ़ एवं अन्य कुदरती आपदाओं से पैदा हो रही स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों एवं प्रबंधन का मॉक ड्रिल शुक्रवार को रोपड़ हेड व‌र्क्स में सुबह 11: 30 बजे किया जा रहा है। डिप्टी कमिश्नर विनय बबलानी ने मॉक ड्रिल को पूरा करने के लिए जिले के सिविल पुलिस एवं माल अधिकारियों के साथ बैठककर एनडीआरएफ को आवश्यक ढांचा मुहैया करवाने के निर्देश दिए। डिप्टी कमिश्नर ने बैठक में मौजूद सेहत विभाग को अभ्यास के लिए आवश्यक डॉक्टरी टीम, एंबुलेंस एवं माल विभाग को वॉट्स एवं गोताखोर आदि मुहैया करवाने के अलावा पुलिस विभाग को सिखलाई के लिए अपने जवान भेजने के लिए भी कहा। बैठक में मौजूद एनडीआरएफ के अधिकारी शिवेंद्र द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को इस मॉक ड्रिल के दौरान की जाने वाली गतिविधियोके प्रति विस्तार पूर्वक बताया गया। इस अभ्यास में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स एवं जिला स्तर पर गठित डिजास्टर रिस्पांस सेल को भी शामिल किया जाएगा। इस अवसर पर एडीसी (ज) अनुपम कलेर, एस पी (एच) हरीश दियामा, एसडीएम बलाचौर जसवीर सिंह, जिला माल अफसर विपिन भंडारी, तहसीलदार बलाचौर अमनदीप चावला, तहसीलदार बंगा कंवर नरेंद्र सिंह, नायब तहसीलदार नवांशहर कुलवंत सिंह, कार्यकारी इंजीनियर लोक निर्माण विभाग जसवीर सिंह जस्सी, एसडीओ जसवंत सिंह ग्रेवाल, जिला शिक्षा अफसर (सेकेंडरी) हरचरण सिंह एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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नदियों के किनारे बसे लोग भी देखेंगे अभ्यास

डीसी ने माल अधिकारियों को इस मॉक ड्रिल को मौके पर देखने एवं नदियों के किनारे बसे गांवों के लोगों को भी दिखाने का प्रबंध करने के लिए कहा। डीसी ने कहा कि पिछले वर्ष सितंबर में हुई बारिश से नदियों में बढ़े पानी के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। ऐसे हालात से नदियों के तटों के पास रहने वाले लोगों व किसानों को सबसे ज्यादा समस्या आती है। डीसी ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए प्रशासन को ऐसे अभ्यास की आवश्यकता है।


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