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कचरे से बनाई खाद, मिला सबसे साफ शहर का खिताब

राजीव पाठक, नवांशहर : सफाई के मामले में नवांशहर ने इतिहास रच दिया है। उत्तर भारत में शहर को सबसे साफ

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 10:49 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 10:49 PM (IST)
कचरे से बनाई खाद, मिला सबसे साफ शहर का खिताब
कचरे से बनाई खाद, मिला सबसे साफ शहर का खिताब

राजीव पाठक, नवांशहर : सफाई के मामले में नवांशहर ने इतिहास रच दिया है। उत्तर भारत में शहर को सबसे साफ घोषित किया गया है। 31 जनवरी को संपन्न साल 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण के अनुसार कूड़ा रहित होने का भी शहर को पुरस्कार हासिल हुआ है। नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नगर कौंसिल प्रधान ललित मोहन पाठक और डीसी विनय बबलानी को ये पुरस्कार दिए। शहर को एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में यह पुरस्कार हासिल हुआ है। गौरतलब है कि साल 2018 की स्वच्छता रैंकिग में नवांशहर का पांचवां और स्वच्छता सूची में पंजाब से तीसरा स्थान था। शहर में बेहतर सफाई व्यवस्था के कारण शहर को थ्री स्टार रेटिग मिली है। इसके साथ ही खुले में शौच मुक्त घोषित शहर को ओडीएफ प्लस की रेटिग सर्वेक्षण के दौरान मिली। शहर में सफाई व्यवस्था व लोगों की भागीदारी के कारण शहर को यह पुरस्कार हासिल हुआ है। स्वच्छता में पहला पायदान हासिल करने के लिए शहर ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। जिन इलाकों का टीम ने सर्वेक्षण किया उनमें शहर के रिहायशी इलाकें, कॉमर्शियल एरिया, पब्लिक ट्रांसपोर्ट एरिया जिसमें बस स्टैंड. रेलवे स्टेशन आदि शामिल हैं। यह साफ पाए गए। इसके साथ सभी दुकानों में कूड़े दान भी मिले। टीम ने सर्वे में पाया कि लगभग सभी लोग स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रति जागरुक थे। इसके साथ ही शहर के 98 फीसद लोगों ने सफाई व्यवस्था पर संतुष्टि जताई।

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नगर कौंसिल शहर को अव्वल बनाने के लिए किए ये कार्य

-डोर-टू-डोर कूड़े को इकट्ठा करना व इसे अलग करने के कार्य को 100 फीसद सुनिश्चित किया

-शहर के 80 फीसद गीले और 60 फीसद सूखे कूड़े को प्लांट में प्रोसेस करना यकीनी बनाया

-सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कूड़े से खाद बनाने के लिए 100 से ज्यादा पिट्स बनाए

-पिट्स में रोजाना 14 टन कूड़े यानी 100 फीसद कूड़े को प्रोसेस किया जाता है

-सफाई के साथ सफाई कर्मचारियों के सेहत, उनके लिए सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए

-कर्मचारियों को सेहत सुविधाएं व ट्रेनिग उपलब्ध करवाई गई

-शहर 100 फीसद सीवरेज नेटवर्क है। खुले में शौचमुक्त पहले ही घोषित किया जा चुका है।

-शहर के सार्वजनिक शौचालयों को गूगल मैप पर अपलोड किया गया है

-शौचालय सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक खुले रहते हैं।, 90 फीसद लोग इस्तेमाल करते हैं

-नगर कौंसिल ने शार्ट मूवी व जिगल बनाकर उसे सोशल मीडिया के जरिए लोगों जागरुक किया

-स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए वर्कशाप का भी आयोजन किया गया है।

-कौंसिल ने प्लास्टिक बाइलाज को लागू करने के लिए भी कदम उठाए। 5000 अंकों में से 3556 अंक हासिल किए

स्वच्छता सर्वेक्षण में एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में नवांशहर ने 5000 अंकों में से 3556 अंक हासिल किए। इस प्रकार सर्वेक्षण में शहर ने 71.12 फीसद अंक हासिल किए। नगर कौंसिल को पहले नंबर पर लाने में लोगों की फीडबैक का सबसे बड़ा योगदान रहा। सिटीजन फीडबैक में नगर कौंसिल ने कुल 80.16 फीसद अंक हासिल किए हैं। नगर कौंसिल को 1250 में से 1002 अंक मिले हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर नगर कौंसिल को 73.92 फीसद अंक डायरेक्ट आब्जर्वेशन के तहत मिले हैं। इसमें शहर को 1250 में से 924 अंक हासिल हुए हैं। इसके बाद सर्विस लेवल प्रोग्रेस में 1250 में से 880 अंक हासिल हुए हैं। इसमें से कौंसिल को 70.4 फीसद अंक हासिल हुए। सर्टिफिकेशन में शहर 60 फीसद अंक हासिल हुए हैं। इसमें शहर को 1250 में से 750 अंक हासिल हुए हैं।

नगर कौंसिल ने किया बेहतर काम : डीसी

डीसी विनय बबलानी ने कहा कि शहर को उत्तर भारत का सबसे साफ शहर और कूड़ा मुक्त शहर बनाने में नगर कौंसिल का बेहतर योगदान रहा है। कूड़े से खाद बनाने के प्रोजेक्ट से यह पुरस्कार संभव हो पाया है। नगर कौंसिल जिस लगन व तैयारी के साथ लगी हुई थी, उसका फल मिलना निश्चित था। डीसी ने इस उपलब्धि के लिए नगर कौंसिल अधिकारियों और सफाई कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'कचरा मुक्त शहर'का पुरस्कार पूरे शहर के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

यह सफाई सेवकों की मेहनत का फल : कौंसिल प्रधान

प्रधान ललित मोहन पाठक ने यह सम्मान शहर के सफाई कर्मचारियों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि अगर वे शहर की सफाई नहीं करते और कूड़ा मुक्त नहीं बनाते तो यह पुरस्कार नहीं मिल सकता था। इसमें सबसे ज्यादा उनका योगदान है।

कौंसिल ने कूड़े के निपटारे की व्यवस्था की : ईओ

नगर कौंसिल के ईओ राम प्रकाश ने कहा कि घरों से 14 टन कचरा सीधे शहर से रोज इकट्ठा किया जाता है और इस शहर में कोई कूड़े का सेकेंडरी प्वाइंट नहीं है। कूड़े को घर से सूखे और गीले कचरे के रूप में अलग करके इकट्ठा किया जाता है। नगर निगम ने कचरे के निर्माण के लिए अनूठी परियोजना के तहत 100 से अधिक पिट्स बनाई हैं। यहां बनने वाली खाद को वितरित किया जाता है।

बेहतर टीम वर्क के कारण यह संभव हो पाया : विधायक

एमएल अंगद सिंह ने कहा कि यह सब नगर कौंसिल के सफाई कर्मचारियों, पार्षदों व अधिकारियों के प्रयासों का नतीजा है। टीम वर्क के कारण ही यह लक्ष्य हासिल करना संभव हो पाया है। नगर कौंसिल ने अपनी मेहनत के दम पर शहर को साफ सुथरा बना कर नार्थ जोन में यह सम्मान हासिल किया है।


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