मुस्लीम समाज ने सुप्रीम कोर्ट का फैसले को सराहा
दशकों के इंतजार के बाद आखिरकार शनिवार को अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला आ ही गया।
मोहम्मद शाहिद, नवांशहर : दशकों के इंतजार के बाद आखिरकार शनिवार को अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला आ ही गया। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का आदेश दिया है। जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सोशल मीडिया पर लोगों में खुशी की लहर है। यह फैसला दोनों पक्षों के हक दिया गया है।
मौलवी कारी जिया अहमद इमाम नवांशहर का कहना है कि कई दशकों से चला आ रहा बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे पर सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है वह फैसला सराहनीय कदम है क्योंकि इस फैसले से हमारे देश की एकता व अखंडता पर काफी प्रभाव पड़ रहा था। इस विवादित केस की वजह से हमारे देश के अंदर कुछ सामुदायिक लोग व राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रोटियां सेंकने पर लगी हुई थीं फैसला आने के बाद उन लोगों की रोटियां सेंकनी बंद हो जाएंगी और देश में अमन-शांति व भाईचारे का माहौल पैदा होगा।
मोहम्मद सलीम का कहना है कि सभी देशवासियों को सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है वह सराहनीय कदम है और इस फैसले पर किसी भी समुदाय के लोगों में कोई भी ऐतराज नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह कोई बाहर का थोपा हुआ फैसला नहीं है, यह फैसला हमारे अपने देश हित में फैसला सुनाया गया है, जिसका हम सभी मुस्लिम समुदाय स्वागत करते हैं। महताब अली का कहना है कि हम सभी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि इस मुकदमे पर हमारे देश की एकता व अखंडता को प्रभावित हो रही थी। फैसला आने के बाद सभी अटकलें दूर हो गई और अपने सभी मुस्लिम भाईचारे से अपील करता हूं कि वह मंदिर में भी पैरवी राम मंदिर निर्माण करने पर ज्यादा से ज्यादा सहयोग करें।