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सूबे में सबसे अधिक 18 केस पॉजिटिव, तैयारी देखिए.. सिर्फ दो वेंटीलेटर लेकिन तैयारी नहीं

नवांशहर सरकारी अस्पताल में पिछले कई सालों से वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी। एक वेंटिलेटर तो था पर यह पिछले कई सालों से खराब पड़ा हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 11:02 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 06:13 AM (IST)
सूबे में सबसे अधिक 18 केस पॉजिटिव, तैयारी देखिए.. सिर्फ दो वेंटीलेटर लेकिन तैयारी नहीं
सूबे में सबसे अधिक 18 केस पॉजिटिव, तैयारी देखिए.. सिर्फ दो वेंटीलेटर लेकिन तैयारी नहीं

सुशील पांडे, नवांशहर : नवांशहर सरकारी अस्पताल में पिछले कई सालों से वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी। एक वेंटिलेटर तो था पर यह पिछले कई सालों से खराब पड़ा हुआ था। अस्पताल प्रबंधन की ओर से इसे ठीक ही नहीं करवाया जा सका। जिले से आए 18 पॉजिटिव केसों के कारण नवांशहर हाई रिस्क पर आ गया। क्षेत्र के सांसद मनीष तिवारी व विधायक अंगद सिंह की मांग पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने जरूरत को देखते हुए नवांशहर के सरकारी अस्पातल में दो नए वेंटिलेटर प्रदान किए। पर इन वेंटिलेटर का एक प्रतिशत भी फायदा मरीजों को नहीं मिल पाएगा, क्योंकि वेंटिलेटर तो है पर सरकारी अस्पताल वेंटिलेटर को चलाने वाला ट्रेंड स्टाफ नहीं है। वेंटिलेटर की जरूरत पड़े तो लाना पड़ेगा जालंधर

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सिविल अस्पताल में 18 पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से ज्यादातर गांव पठलावा के ही हैं और बुजुर्ग पाठी का परिवार है जिसकी मौत कोरोना के कारण हुई थी। बुजुर्ग की मौत पंजाब में पहली मौत थी। डॉक्टरों के अनुसार सभी मरीजों की हालत स्थिर बनी हुई है। डॉक्टर की ओर से इलाज व प्रशासन की ओर से पौष्टिक आहार इन मरीजों को उपलब्ध करवाया जा रहा है पर अगर किसी भी मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है तो प्रशासन के आदेश के अनुसार उसे जालंधर के सरकारी अस्पताल में लेकर जाया जाएगा। आइसोलेशन वार्ड में भी प्रबंध अधूरे

नवांशहर के सरकारी अस्पातल में आइसोलेशन वार्ड में प्रबंध अभी भी अधूरे हैं। अभी इस वार्ड में कोरोना के पाजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। जब डेंगु की बीमारी आती है तो इसे डेंगु के मरीज के इलाज के लिए आरक्षित कर दिया जाता है। इसी तरह जब स्वाइन फ्लू, डेंगू व इंबोला जैसे वायरस सक्रिय होते हैं तब इस कमरे का नाम बदल दिया जाता हैं। अस्पताल में वेंटीलेटर है पर कॉर्डियक मॉनीटर नहीं हैं। कोरोना वायरस का शिकार मरीज के फेफड़े संक्रमित होते हैं। फिर दिल की धड़कनें असामान्य हो जाती हैं। ऐसी सूरत में वेंटीलेटर व कॉर्डियक मॉनीटर काम आते हैं। कुछ दिन पहले ही मिले हैं वेंटिलेटर : सिविल सर्जन

इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. राजिदर प्रसाद भाटिया का कहना है कि हाल ही में नवांशहर के सरकारी अस्पताल को दो वेंटिलेटर मिले हैं। नवांशहर में हाई रिस्क को देखते हुए यह वेंटिलेटर मुहैया करवाए गए हैं। वेंटिलेटर के लिए स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसके बाद अस्पताल में आइसीयू बनाए जाएंगे। अस्पताल को जल्द ही ट्रेंड स्टाफ मिल जाएगा।


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