प्रभु भक्ति के बिना जीवन का अर्थ नहीं
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान नवांशहर की ओर से गांव गुणाचौर में तीन दिवसीय कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया।
जेएनएन, नवांशहर : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान नवांशहर की ओर से गांव गुणाचौर में तीन दिवसीय कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इसके पहले दिन भाई मंगल सिंह ने संगत के समक्ष अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रभु के सिमरण के बिना जीव दुखों में ही उलझ कर रह गया है। कभी भी वह सुख व परम आनंद की प्राप्ति नही कर सकता क्योंकि प्रभु की भक्ति को प्राप्त किए बिना इंसान के समस्त संशय व प्रश्नों का निवारण कदापि संभव नहीं है। परमात्मा ने यह मानवीय जीवन अपने दर्शन व भक्ति के लिए दिया है। यदि कोई व्यक्ति प्रभु की भक्ति न करें तो उसके जीवन का कोई अर्थ नही। परमात्मा को देखने के बाद ही सही अर्थ में जीवन की शुरुआत होती है। संत के बिना कोई भी उस प्रभु के दर्शन नहीं करवा सकता। जैसे रोगी को डाक्टर की जरूरत है, छात्र को अध्यापक की जरूरत है, उसी प्रकार मानव को एक पूर्ण गुरु की आवश्यकता है। गुरु की शरणागत होकर ही वह उस तकनीक को जान सकता है। जिसके द्वारा प्रभु का दर्शन हो सके और उसके इस जीवन का जो लक्ष्य है वह पूरा हो सके। आज एक इंसान के जीवन में कई प्रकार के संबंध आते है। अंत में भाई गुरप्रीत सिंह, भाई गुरबाज सिंह, भाई प्रेम सिंह द्वारा गुरवाणी के शब्दों का गायन कर आई हुई संगत को निहाल किया।