सिर्फ सजावट तक न रहे सीमित, संस्कार से भी रोशन करें घर
जयदेव गोगा, नवांशहर : शहर में दीवाली के पर्व की धूम है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जात
जयदेव गोगा, नवांशहर : शहर में दीवाली के पर्व की धूम है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। गीता भवन के स्वामी मान मुनि ने बताया कि दीवाली के त्योहार को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते समय हमें यही प्रेरणा लेनी चाहिए कि बाहरी प्रकाश की तरह अपने अंदर का प्रकाश भी आलोकित करें। दीवाली एक ऐसी रोशनी बने जो आतंकवाद को नष्ट करने वाली हो। ऐसे पटाखे न छूटें जो किसी बच्चे या किसी व्यक्ति के लिए जान का जोखिम बनें। दीवाली को सिर्फ सजावट और धूमधाम में ही न बिता दें, बच्चों को अच्छे संस्कार देने के भी यही मौके होते हैं। बच्चों को रंगोली बनाना सिखाएं। श्री राम की कहानी सुनाएं, लक्ष्मी स्तुति बोलने का अभ्यास करवाएं या गणेश वंदना याद करवा दें।
त्योहार को आनंदमयी बना सकती समझदारी
डॉ. बृज मोहन बड़थ्वाल ने बताया कि हमारे आसपास आज भी रावण जैसी प्रवृत्ति के लोग मौजूद हैं। दरअसल जो धर्म का पालन नहीं करते या निर्बलों को सताते हैं, वे लोग चरित्र भ्रष्ट राक्षस ही हैं। समाज मे भ्रष्टाचार की जड़ें गहराई तक फैली हुई हैं। अपने तथा परिवार के लिए व्यक्ति हर गलत काम करने के लिए तैयार रहता है। समाज में बदलाव जन जागरण और जन आंदोलन से ही आता है, जिसे लोगों के बीच से ही एक व्यक्ति संचालित करता है। इस तरह के कामों में तपस्या और त्याग जैसे सात्विक गुण ही ढाल बनते हैं। उन्होंने कहा कि जरा ही बरती गई सावधानी त्योहार की खुशियों को और आनंदमयी बना सकती है।