बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए शादी नहीं करना चाहती थी जमुना
नवांशहर गांव मल्लपुर अड़कां की 40 वर्षीय जमुना 12वीं पास थी और वो विदेश में जाकर सेटल होकर घर की गरीबी को दूर करना चाहती थी। मगर घर की गरीबी के कारण वो विदेश नहीं जा सकी। ऐसे में उसके माता-पिता हरदम चाहते थे कि वो शादी कर ले। मगर जमुना हमेशा शादी से इनकार करती रहती थी। इस बार उन्हें एक बड़ा ही अछा रिश्ता मिला। जिसे देख कर जमुना के पिता जीत राम ने लड़के वालों से हां कह दी और अपनी बेटी को भी समझाया कि वो इस संसार में कुछ समय के मेहमान हैं।
सुशील पांडे, नवांशहर
गांव मल्लपुर अड़कां की 40 वर्षीय जमुना 12वीं पास थी और वो विदेश में जाकर सेटल होकर घर की गरीबी को दूर करना चाहती थी। मगर, घर की गरीबी के कारण वो विदेश नहीं जा सकी। ऐसे में उसके माता-पिता हरदम चाहते थे कि वो शादी कर ले। मगर, जमुना हमेशा शादी से इनकार करती रहती थी। इस बार उन्हें एक बड़ा ही अच्छा रिश्ता मिला। जिसे देख कर जमुना के पिता जीत राम ने लड़के वालों से हां कह दी और अपनी बेटी को भी समझाया कि वो इस संसार में कुछ समय के मेहमान हैं। उनके जाने के बाद जमुना को अकेले जिदगी बिताना मुश्किल हो जाएगा। यही कारण रहा कि जमुना शादी के लिए मान गई थी। मगर, मंगलवार सुबह जमुना और माता-पिता द्वारा खुदकुशी कर लिए जाने से हर कोई स्तब्ध है।
ग्रामीणों के अनुसार जमुना के पिता जीत राम की उम्र 90 थी और मां चन्नो की उम्र 85 वर्ष। चन्नो भी पिछले कई वर्षो से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के कारण चारपाई पर ही रहती थी। पिता भी बुजुर्ग होने सहित बीमार रहते थे। वह घुटनों की बीमारी के कारण चल-फिर नहीं सकते थे। जमुना ही अपने माता-पिता की सेवा करती थी। उसकी छह बहनें अपने अपने ससुराल में रहती थीं। माता-पिता व बेटी तीनों का स्वभाव बेहद बढि़या था। वो सबसे मिलजुल कर रहा करते थे।
बताया गया है कि लगभग 30 वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना में जीत राम के बेटे मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही उक्त बुजुर्ग दंपती टूट गया था और वो अपनी सबसे छोटी बेटी जमुना को बेटों जैसा प्यार करते थे।
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माता-पिता की थी चिंता
इस आत्महत्या के पीछे एक यह भी कारण निकल कर आ रहा है कि जमुना अपने माता-पिता को अकेले नहीं छोड़ना चाहती थी। शादी तय होने के बाद उसे यही चिता सताती थी कि अगर वो शादी करके चली गई, तो उसके लाचार माता-पिता की देखभाल कौन करेगा। घर में उसके सिवाय और कोई नहीं था। उसकी सभी बड़ी छह बहनें अपने-अपने ससुराल में थी। यही कारण था कि रिश्ते मिलने के बाद भी वो शादी नहीं कर रही थी। इसके कारण उसकी उम्र 40 वर्ष हो चुकी थी।
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शादी के लिए ग्रामीण कर रहे थे आर्थिक सहयोग
पंच रणजीत सिंह ने बताया कि ग्रामीण हमेशा ही जमुना के परिवार की सहायता करते रहते थे। कोरोना के दौरान कर्फ्यू के समय में भी परिवार को राशन की कोई दिक्कत नहीं आने दी गई थी। परिवार के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं था। इस उम्र में जीत राम कोई काम भी नहीं कर सकते थे। जमुना की शादी के लिए ग्रामीणों ने एक लाख रुपये नगद का सहयोग दिया था व सोने के गहने भी दिए थे। वहीं गांव के एनआरआइ भी विदेश से इस परिवार की लड़की की शादी के लिए सहयोग कर रहे थे।
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सल्फास से हुई मौत
जमुना व उसके माता-पिता की की मौत सल्फास खाने से हुई है। इस बारे में पंच रणजीत का कहना है कि जब वो बाद में उक्त परिवार के घर में गए, तो वहां से सल्फास की गोलियों की बू आ रही थी। इसके बाद ग्रामीणों ने नवांशहर पुलिस को सूचित किया। इस पर एसपी (डी) वजीर सिंह खैहरा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस द्वारा शवों को कब्जे में लेकर आगे की कारवाई की जा रही है।
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हर एंगल से हो रही जांच : खैहरा
उधर, इस बारे में एसपी (डी) वजीर सिंह खैहरा का कहना है कि मामले को लेकर पुलिस की ओर से हर एंगल से जांच की जा रही है।