राष्ट्र की ताकत के लिए शहीद सिंहों का दिवस मनाना: स्वर्णजीत सिंह
दोआबा के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गुरुद्वारा शहीद सिंहां गांव चौहड़ा में तरनादल दोआबा के प्रमुख जत्थेदार स्वर्णजीत सिंह के नेतृत्व में शहीद बाबा बेअंत सिंह का वार्षिकोत्सव समारोह आयोजित किया गया।
जागरण संवाददाता, नवांशहर : दोआबा के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गुरुद्वारा शहीद सिंहां गांव चौहड़ा में तरनादल दोआबा के प्रमुख जत्थेदार स्वर्णजीत सिंह के नेतृत्व में शहीद बाबा बेअंत सिंह का वार्षिकोत्सव समारोह आयोजित किया गया। सबसे पहले भाई बलवंत सिंह बाकापुर वालों की टीम ने खुले पंडाल में सजाए गए दीवान में श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज जी के अखंड पाठ साहिब का पाठ करने के बाद मनोहर कीर्तन सरवन किया। उसके बाद कथाकार भाई साहब भाई बलकार सिंह दमदमी टकसाल ने भी मंडली के साथ कहानी साझा की। उनके बाद सिंह साहिब भाई जसवीर सिंह जी रोड़े पूर्व जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर साहिब ने कहा कि पंथ की उन्नति और राष्ट्र की ताकत के लिए शहीद सिंहों के दिनों को मनाना बहुत जरूरी है। इस मौके पर भाई गरजा सिंह मानकपुर शरीफ के ढाड़ी जत्थ और भाई रिपनजीत सिंह झंडेर ने जोश से गाया। इस मौके पर जत्थेदार बाबा सरवन सिंह रसलदार बुड्ढा दल, जत्थेदार बाबा हरि सिंह नलुआ मिशाल प्रमुख, जत्थेदार बाबा गुरदेव सिंह, बाबा फतेह सिंह तरनादल, जत्थेदार बाबा नोरंग सिंह मंजी साहिब नवांशहर, जसप्रीत कौर माहिलपुर बुंगेवाले, संत बाबा हरिकृष्णन सिंह सोढ़ी ठक्करवाल वाले, संत बाबा कुलवंत राम अध्यक्ष श्री गुरु रविदास साधु संप्रदाय, संत बाबा चरणजीत सिंह जस्सोवाल सदस्य एसजीपीसी और मुख्य अध्यक्ष दमदमी टकसाल, डा. जंग बहादुर सिंह राय सदस्य एसजीपीसी, प्राचार्य तरसेम सिंह भिडर एसएन कॉलेज बंगा, एक नूर स्वयं सेवा संस्था पथलावा वरिष्ठ अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह वारिया, सतवीर सिंह पल्ली झिक्की अध्यक्ष, राजिदर सिंह शुका पूर्व अध्यक्ष, जसपाल सिंह गिद्दा, जसवंत सिंह भट्टल, परमजीत सिंह बब्बर किसान नेता, भाई अमरजीत सिंह चाहरू, हरमेश लाल सरपंच चहलपुर, बलविदर कौर सरपंच थिडा, मेजर सिंह सरपंच फतेहपुर कलां, अवतार सिंह पथलावा, मक्खन सिंह ग्रेवाल अध्यक्ष ज्ञानी ज्ञान सिंह, त्रलोचन सिंह वारिया, व्याख्याता तरसेम पठलावा, बलवीर सिंह, संदीप गौर पोसी आदि उपस्थित थे। अंत में आए व्यक्ति को जत्थेदार स्वर्णजीत सिंह ने सम्मानित भी किया। अंत में गुरु का अटूट लंगर परोसा गया।