हिरासत में नौसरबाज, नहीं उगल रहे राज
पुलिस ने तीन ईरानी नौसरबाजों को अदालत में पेश किया गया। जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। वहीं नौसरबाजों से पुलिस कुछ खास जानकारी हासिल नहीं कर पाई है। जिससे उनके अपराधों के बारे में पता चल सके। इससे मामला और उलझ गया है। उल्लेखनीय है कि तीनों नौसरबाजों को पुलिस ने सोशल मीडिया की मदद से बरनाला में गिरफ्तार किया था।
जासं, नवांशहर : पुलिस ने तीन ईरानी नौसरबाजों को अदालत में पेश किया गया। जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। वहीं नौसरबाजों से पुलिस कुछ खास जानकारी हासिल नहीं कर पाई है। जिससे उनके अपराधों के बारे में पता चल सके। इससे मामला और उलझ गया है। उल्लेखनीय है कि तीनों नौसरबाजों को पुलिस ने सोशल मीडिया की मदद से बरनाला में गिरफ्तार किया था।
जानकारी के मुताबिक नौसरबाजों ने पुलिस को ज्यादा जानकारी नहीं दी या यूं कहें कि पुलिस उनसे कुछ भी उगलवा नहीं सकी। पूछताछ में दो नौसरबाजों ने बताया कि उनकी ईरान में दो दुकानें हैं। वहीं एक आरोपित कार वा¨शग की दुकान पर काम करता है। वे शादी के कपड़े खरीदने यहां आए थे। इसके अलावा उन्होंने और कोई जानकारी नहीं दी है कि जिससे उनके यहां आने का कारण पता चल सके। यही नहीं 9 से लेकर 28 अक्टूबर तक वे कहां रहे इस बारे में भी नहीं पता चल सका। ईरानी नागरिकों का देश में आना और भ्रमण करने वाले स्थानों की बजाए पंजाब में होना बड़े सवाल खड़े करता है। अब सवाल यह है कि वारदात के बाद वे पंजाब में ही क्यों रहे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपित और किसी को शिकार बनाने की तैयारी में थे, लेकिन सफल नहीं हो सके। अब उनका निशाना क्या था, पंजाब में ही क्यों आए, रहस्य से पर्दा नहीं उठ पा रहा है।
बड़ी चालाकी से उड़ाए थे 2100 कनेडियन डालर
बताने योग्य है कि औड़ के वेस्टर्न यूनियन की दुकान से 9 अक्टूबर को उक्त नौसरबाजों ने कनेडियन डालरों की गड्डी से 2100 डालर चोरी कर लिए थे। गड्डी से रुपये इस अंदाज में उड़ाये गए कि दुकानदार को उनके जाने के बाद पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है। पुलिस ने तीनों को बरनाला से गिरफ्तार किया था। आरोपितों की पहचान ईरान के चाहरबाग वासी मोहम्मदरेजा उर्फ हैदरी, परांद इलाके का फेरिद्यून व तेहरान निवासी अजीजोल्लाह उर्फ पौस के रूप में हुई है।
वारदात के बाद कहां छिपे, नहीं बताया
इस संबंधी बात करने पर थाना औड़ के एसएचओ मलकीत ¨सह ने बताया कि वारदात के बाद कहां रहे, आरोपित बता नहीं रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि आरोपितों ने सूबे के किसी ऐतिहासिक स्थल का भी दौरा नहीं किया है।