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हेल्थ कैप्स फैक्ट्री के मजदूरों न किया गेट जाम

हेल्थ कैप्स फैक्ट्री के मजदूरों और प्रबंधकों के बीच लगातार चल रहा विवाद आज 62वें दिन में प्रवेश हो गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 11:08 PM (IST)Updated: Wed, 25 Dec 2019 06:06 AM (IST)
हेल्थ कैप्स फैक्ट्री के मजदूरों न किया गेट जाम
हेल्थ कैप्स फैक्ट्री के मजदूरों न किया गेट जाम

संवाद सहयोगी, काठगढ़ : हेल्थ कैप्स फैक्ट्री के मजदूरों और प्रबंधकों के बीच लगातार चल रहा विवाद आज 62वें दिन में प्रवेश हो गया। आपसी तनाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

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मंगलवार को मजदूरों व उनके परिवारों की महिलाओं ने बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर सुबह कड़ाके की सर्दी के बावजूद कंपनी का गेट जाम कर दिया। नेशनल हाईवे से फैक्ट्री की और आने वाली लिंक सड़क पर पालीथिन बिछाकर सभी बैठ गए। कंपनी के स्टाफ बसों को जो शिफ्ट भी लेकर आई, उनको अंदर नहीं जाने दिया। लिक सड़क पर जोरदार प्रदर्शन किया गया और जमकर नारेबाजी की गई। प्रदर्शन करने वालों की अगुवाई राणा कर्ण सिंह सचिव कंडी संघर्ष कमेटी पंजाब, शशि राणा प्रधान जनवादी स्त्री सभा, जसविदर सिंह प्रधान, जगदीश राम सचिव, दिलदार खान कोषाध्यक्ष हेल्थ कैप्स वर्कर यूनियन सीटू तथा सीटू के जिला सचिव जसवंत सिंह सैणी ने की।

उन्होंने मांग कि है कि जिन कर्मचारियों के लिए गेट बंद किया गया है, उनको काम पर वापस लिया जाए। प्रबंधक चार बार समझौता करके प्रशासन व सरकार को नजरअंदाज कर रहे हैं। शशी राणा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने मसला हल न करवाया तो महिलाएं नेशनल हाईवे को भी जाम कर सकती हैं।

फैक्ट्री पुलिस छावनी में तबदील

शांति बहाल करने के लिए स्थानीय पुलिस ने हर प्रकार की कोशिशें की। थाना प्रभारी काठगढ़ परमिंदर सिंह राय, थाना प्रभारी पोजेवाल जागर सिंह, थाना प्रभारी सदर बलाचौर शविदर पाल सिंह पुलिस बल के साथ फैक्ट्री गेट पर मौजूद थे। तहसीलदार ने मामला हल करवाने का दिया आश्वासन

प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट बतौर तहसीलदार बलाचौर चेतन बंगड़ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने दोनों तरफ की बातचीत सुनने के लिए टेबल टॉक का समय रखा ताकि बात का हल हो सके। खबर लिखे जाने तक दोनों तरफ से जिम्मेवार व्यक्ति, यूनियन व प्रबंधक बलाचौर एक बार फिर बुलाए गए।

बातचीत करने तक सभी वर्कर व प्रदर्शनकारी महिलाएं सीटू वर्कर व कंडी संघर्ष कमेटी के सदस्य अपनी बात पर कायम रहे। सरकार पुराना लिखती समझौता लागू करवाएं।


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