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सुदर्शन क्रिया में साधना के साथ सेवा भाव के मायने समझे

आर्ट ऑफ लिविग नवांशहर द्वारा हैप्पीनेस प्रोग्राम के तीसरे दिन सभी साथियों ने सुदर्शन क्रिया का अनुभव किया और इसमें सबको बताया गया कि हमें साधना के साथ-साथ सेवा भाव को भी अपने जीवन में जगह देनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 09:33 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 06:33 AM (IST)
सुदर्शन क्रिया में साधना के साथ सेवा भाव के मायने समझे
सुदर्शन क्रिया में साधना के साथ सेवा भाव के मायने समझे

जेएनएन, नवांशहर : आर्ट ऑफ लिविग नवांशहर द्वारा हैप्पीनेस प्रोग्राम के तीसरे दिन सभी साथियों ने सुदर्शन क्रिया का अनुभव किया और इसमें सबको बताया गया कि हमें साधना के साथ-साथ सेवा भाव को भी अपने जीवन में जगह देनी चाहिए। जीवन में जितनी बड़ी मात्रा में हम जिम्मेवारी लेते हैं, उतनी बड़ी भावना से अपनेपन का उदय होता है और इसी भाव के साथ हमें समाज में लोगों की सेवा करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मेकिग ए डिफरेंस एक्टिविटीज के तहत सभी साधकों को पौधारोपण के लिए भी प्रेरित किया गया। सभी ने अपने-अपने स्थानों पर जाकर पौधारोपण किया और सभी को तीन अच्छे काम करने के लिए भी प्रेरित किया। तीन नए दोस्त बनाने के लिए भी कहा गया। कोर्स के टीचर मनोज कंडा ने बताया कि हमें थोड़े-थोड़े समय के लिए संसार से निवृत होना चाहिए और अपने लिए समय निकालना चाहिए। जीवन का एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि किस प्रकार हम अपने समाज को और देश को सुंदर बना सकते हैं और लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं। जितना हम लोगों में प्यार बांटते हैं, उतना ही ज्यादा हमारा जीवन निखरता है और यह प्रकृति हमारा साथ देती है। इस मौके पर सभी ने अपने सुदर्शन क्रिया के अनुभव भी सांझे किए।

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