पराली जलाने वाले किसान नहीं दे रहे जुर्माना
जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले सैकड़ों किसानों की पहचान की थी और उनपर जुर्माना भी लगाया गया।
सुशील पांडे,नवांशहर : जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले सैकड़ों किसानों की पहचान की थी और उनपर जुर्माना भी लगाया गया। कुछ मामलों में पुलिस केस दर्ज हुए, लेकिन इसके बावजूद किसान ने पकड़े गए और न उनसे पूरी जुर्माना राशि वसूल की जा सकी है। करीब 30 फीसद से ज्यादा रिकवरी बाकी है। प्रशासन के आदेश पर पराली जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज किए गए थे। पूरे जिले में नवंबर में पराली न जलाने के निर्देशों का उल्लंघन करने वाले 229 किसानों के चालान और 55 किसानों के खिलाफ नियमों का उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए थें। 178 खेत मालिकों के माल रिकार्ड में एंट्री भी की गई थी। कृषि विभाग विभाग ने 567 पराली को आग लगाने के मामलों की पहचान की थी। इसमें 229 पर कार्रवाई को अमल में लाकर पांच लाख 75 हजार 500 रुपये जुर्माना लगया गया था। विभाग जुर्माना वसूलने के लिए कोशिश कर रहा है लेकिन किसान जुर्माना नहीं दे रहे हैँ। गलत विनय पत्र पर होगी कार्रवाई :डीसी
डीसी विनय बबलानी ने बताया कि पंजाब सरकार ने पराली पर पांच एकड़ जमीन वाले किसानों को 2500 रुपये प्रति एकड़ सहायता देने का ऐलान किया था। इसके लिए जिले से 4500 में से 3988 विनय पत्र पोर्टल पर अपलोड किए गए थे। प्राप्त किए विनय पत्रों की वित्तीय विभाग जांच करवा रहा है। यदि किसी व्यक्ति ने सहायता लेने के लिए गलत विनय पत्र दाखिल किया है तो उसके खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सख्ती का रूख अपनाया जाएगा : एसडीओ
प्रदुषण विभाग की एसडीओ पूजा शर्मा ने कहा कि 2019 में अक्टूबर व नवंबर में साढ़े पांच सौ से भी ज्यादा आग लगाने वाले मामलों की जांच की गई थी। इनमें से कई के चालान व कई पर नियमों का उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदुषण विभाग पराली को आग लगाने वाले किसानों पर और सख्ती का रूख अपनाएगा।
किसानों की पराली खरीदे सरकार : अश्वनी
पर्यावरणविद अश्वनी जोशी ने कहा, सरकार अगर वाकई चाहती है कि किसान पराली को आग न लगाएं तो सभी किसानों की पराली को सरकार की ओर से खरीदना चाहिए।जब सरकार फसल खरदीती है तो तब ही पराली को उचित मुल्य देकर खरीदा जाए।इससे किसान पराली को आग नही लगा पाएंगे।
रेड एंट्री वाले किसानों की सब्सिडी होगी बंद
मुख्य जला कृषि अधिकारी विनय शर्मा ने रेड एंट्री वाले किसानों को कई तरह की सरकारी सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है। उनकी मुफ्त बिजली-पानी की सुविधा को खत्म किया जा सकता है। उनकी सब्सिडी तक बंद की जा सकती है। विभाग कारवाई कर रहा है।