घरों में रहकर ही अदा करें ईद-उल-फितर की नमाज
2020 में ईद-उल-फितर की नमाज घरों में ही अदा करनी पड़ेगी।
संवाद सूत्र, नवांशहर : 2020 में ईद-उल-फितर की नमाज घरों में ही अदा करनी पड़ेगी। यह पहला मौका होगा जिदगी में बिना गले मिले ही मुबारकबाद देनी होगी। इस बार मस्जिदें सुनसान रहेंगी। घरों में ही नमाज ईद-उल-फितर अदा करने पर सभी लोग अपने पूर्वजों के कब्रिस्तान में जाकर सूरह फातवा पढ़ेंगें। यह पहली बार है कि बिना ईदगाह के नमाज पढ़ी जाएगी। गौर करने की बात है कि रमजान उल मुबारक के पाक महीना शुरू होने से पहले ही कोरोना जैसी महामारी ने पूरी दुनिया को अपने गिरफ्त में लेने पर सभी धार्मिक स्थानों को लॉकडाउन कर दिया गया था। जिसके कारण कोई भी ऐसा काम नहीं है जो इस महामारी से प्रभावित नहीं हुआ हो। मस्जिदों में सिर्फ चार से पांच लोग ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नमाज अदा करेंगे।
जो जहां है वहीं पढ़े नमाज
इस संबंध में कारी जिया अहमद ने बताया कि पूरा रमजान उल मुबारक का महीना बिना मस्जिद में नमाज पढ़े गुजर चुका है और रमजान के सभी जुम्मे की नमाज भी घरों में ही पढ़ी हैं। अपने सभी मुस्लिम समुदाय से दरखास्त करूंगा के जो जहां पर हैं, वह वहीं पर ईद-उल-फितर की नमाज अदा करें।
मुहब्बत सिखाता है इस्लाम
मुफ्ती साहब मोहम्मद गुल शाद मजारी का कहना है इस्लाम मोहब्बत करना सीखता है। बीमारी या नफरत नहीं फैलाता। इसके मद्देनजर जब हम सभी ने अपने रमजान उल मुबारक की सभी नमाज और जुम्मा घर में ही अदा किए हैं तो ईद की नमाज भी सभी मुस्लिम समुदाय के लोग अपने अपने घरों में ही अदा करेंगे।
घरों में रहकर ही दें मुबारकबाद
मोहम्मद शफी का कहना है कि मुस्लिम भाईचारा घरों में नमाज पढ़कर ही अपने-अपने भाईचारे को दिल से मुबारकबाद दें। जिससे के हमारे आका जनाब मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और अल्लाह ताला भी खुश होंगे।
मुल्क के अमन-शांति के लिए करें दुआ
डॉ. नूर हसन का कहना है कि हमारे नबी ने पैगाम दिया है कि हमें पूरे मुल्क की अमन-शांति की दुआ करनी चाहिए। अगर कोई भी मुल्क के ऊपर खतरा हो उससे बचने के लिए जो भी उपाय करने चाहिए।