10 मिनट में ही जल गया 55 फीट ऊंचे रावण का अहंकार
जिले में विभिन्न जगह मंगलवार को बुराई पर अछाई की जीत के रूप में विजयदशमी का त्योहार मनाया गया। करीब 12 जगह दशहरा मेला लगाया था।
जागरण संवाददाता, नवांशहर :जिले में विभिन्न जगह मंगलवार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में विजयदशमी का त्योहार मनाया गया। करीब 12 जगह दशहरा मेला लगाया था। नवांशहर में चंडीगढ़ रोड स्थित दशहरा ग्राउंड में दशहरा मनाया गया। इस अवसर पर रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों को जला कर फिर यही संदेश दिया गया कि बुराई कितनी भी बलवान हो जाए आखिर जीत सच्चाई और धर्म की होती है। रावण का पुतला 55 फीट का बनाया गया था। दशहरा ग्राउंड में आयोजित मेले के मुख्यातिथि विधायक अंगद सिंह सैनी ने रावण के पुतले को अग्नि दी। नगर कौंसिल प्रधान ललित मोहन पाठक ने मेघनाद व दशहरा उत्सव कमेटी के डॉ. हरमेश पुरी ने कुंभकरण के पुतले को अग्नि दी। विधायक ने कहा कि सभी धर्मो का सम्मान करना चाहिए। दशहरे का त्योहार धार्मिक सदभाव का प्रतीक हैं और सभी को मिल जुलकर इस पर्व को मनाना चाहिए। यह हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। कौंसिल प्रधान ललित मोहन पाठक ने कहा, दशहरा पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। इसके साथ ही हमें हमें अपने पर्यावरण का भी ध्यान रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है। इसमें सबसे घातक भूमिका प्लास्टिक के लिफाफों की है। नगर कौंसिल ने शहर को प्लास्टिक बैग मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है। यह तब तक सफल नहीं हो सकता है जब तक इसके लिए जनता सहयोग नहीं करती है। इससे पहले भगवान राम व रावण की सेना के बीच में युद्ध हुआ। लक्ष्मण ने मेघनाद का वध किया। भगवान राम ने कुंभकरण व रावण का वध किया। दशहरा ग्राउंड में बैंड बाजों के साथ भगवान के स्वरुप में सजे रामलीला के कलाकारों को दशहरा मौदान में लाया गया। इसके बाद भगवान राम-लक्ष्मण की सेना का रावण की सेना के साथ युद्ध हुआ। अंत में भगवान श्री राम ने विभिषण के कहने पर रावण की नाभि में तीर मारा। इसके बाद मेघनाथ का पुतला, कुंभकर्ण, व रावण का पुतले को आग लगाई गई। पुतले जलाने के साथ ही मैदान में जय श्री राम, हर-हर महादेव के जयकारों से आकाश गूंजने लगा। इस दौरान पूर्व गुरइकबाल कौर बबली, डॉ. हरमेश पुरी, मोद प्रकाश पाठक, हरि ओम साहनी, तिलक राज शर्मा, दिनेश गौतम, महेश दत्ता, राजेश भारद्वाज, प्रोफेसर अजीत सरीन, सुरिदर खोसला, राजिदर चोपड़ा, परम सिंह खालसा, मुकंदहरि, , सतीश तेजपाल, तिलक राज शर्मा, मनजिदर वालिया, डा. शिव कुमार तेजपाल, दीक्षित भारद्वाज, पार्षद चंद्र मोहन पिकी, डॉ. सरताज सिंह मांगेवालिया, बलबीर, महिदर सिंह, विनोद पिका व अन्य मौजूद थे।