त्योहारों के सीजन में मिठाइयों में मंडराया मिलावट का खतरा मंडराया, शिकायत के लिए व्यवस्था नहीं
त्योहारों का मौसम शुरु हो गया है बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। इस मौसम में सबसे ज्यादा खाने-पीने की चीजों की बिक्री होती है जिसमें मिठाई भी शामिल है।
राजीव पाठक, नवांशहर : त्योहारों का मौसम शुरु हो गया है, बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। इस मौसम में सबसे ज्यादा खाने-पीने की चीजों की बिक्री होती है, जिसमें मिठाई भी शामिल है। ज्यादा कमाई के लालच में खाद्य पदार्थों में मिलावट का खेल भी शुरु हो गया है। जिले में मिलावट रोकने का जिम्मा फूड सेफ्टी विग का है। इसमें हैरानीजनक तथ्य यह है कि जिले में खाद्य पदार्थों की खराब गुणवत्ता व मिलावट संबंधी शिकायत करने के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है। विभाग के अधिकारी सिविल सर्जन कार्यालय का नंबर पर शिकायत करने की बात कहते हैं, लेकिन ये नंबर शनिवार व रविवार के साथ अन्य छुट्टी वाले दिन कोई उठाता ही नहीं है।
जिले में खाद्य पदार्थों की जो भी सैंपलिग होती है वह फूड सेफ्टी विग द्वारा खुद निर्धारित की गई दुकानों की होती है। इन सलेक्टेड दुकानों की सैंपलिग में भी भारी संख्या में खाद्य पदार्थ के सैंपल फेल पाये जाते हैं। जबकी बाजारों में बिक रहे खाद्य पदार्थ में मिलावट कई गुणा ज्यादा है। लोग रुपये खर्च करके लालची दुकानदारों से बीमारी देने वाले घटिया खाद्य पदार्थ खरीद रहे हैं। शिकायत के लिए अलग से व्यवस्था न होने के कारण यह लोगों को इसके बारे में जानकारी होने के बावजूद वे इससे संबंधित शिकायत नहीं कर पाते हैं। हालांकि त्यौहारों के सीजन के मद्देनजर सेहत विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। एक दिन पहले ही फूड सेफ्टी विग ने एक दर्जन मिठाइयों व खोये का सैंपल भरा है। ये केवल वो दुकानें हैं जिन्हें सेहत विभाग ने खुद निर्धारित कर चेक किया है।
एक तरफ सरकार की ओर से मिशन तंदरुस्त चलाया जा रहा है, जिसके तहत मिलावट रहित व गुणवत्ता वाला खाद्य उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास हो रहे हैं। इसे लेकिन जनता की शिकायत लेने के लिए कोई व्यवस्था की ही नहीं गई है। इससे सरकार के इस अभियान पर ही सवाल खड़े हो जाते हैं। विभाग की लापरवाही का फायदा मिलावट खोर व घटिया सामाने बेचने वाले उठाते हैं। वे धड़ल्ले से घटिया गुणवत्ता व मिलावटी सामान बेचते हैं। इस प्रकार वे लोगों के सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
अगस्त महीने में 40 फीसद खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल
जिले में मिलावट खोरी की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भरे गए खाद्य पदार्थों सैंपलों में 40 फीसद फेल पाये गए हैं। अगस्त महीने में जिले में भी विभिन्न खाद्य पदार्थों के 40 सैंपल भरे गए थे। जिसमें से 16 सैंपल फेल हो गए थे। भरे गए सैंपलों में चार सैंपल देसी घी, दूध के पांच, पनीर के दो, दही, तंबाकू, नमकीन और बर्फी के दो-दो सैंपल शामिल हैं। सैंपल भरने के बाद भरे गए सैंपलों को जांच के लिए स्टेट फूड लैब खरड़ में भेजे गए थे।
जून से अब तक 98 मामलों 12.40 लाख का हो चुका है जुर्माना
खाद्य पदार्थ में मिलावट की स्थित का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जून महीने से लेकर अब तक कुल 98 मिलावट खोरी के मामलों में अब तक 12.40 लाख रुपये का जुर्माना हो चुका है। यह जुर्माना खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनियों, विक्रेताओं, हलवाई, करियाना स्टोर, बेकरी, ढाबों और डेयरियों के खिलाफ हुआ है। ये तो वो मामले हैं, जो पकड़ में आ गए। जिसे खुद विभाग ने पकड़ा था। इसमें से ज्यादा तर का सामान तो उन्होंने जनता को बेच दिया था।
मिलावटखोरी पर विभाग कर रहा है कार्रवाई, लोग 01823222036 पर करें फोन : खोसला
फूड सेफ्टी विग के असिस्टेंट कमिश्नर मनोज खोसला ने कहा कि विभाग मिलावटखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है। खाद्य पदार्थों की सैंपलिग की जाती है और जिन खाद्य पदार्थों के सैंपल फेल पाये जाते हैं उनके केस कोर्ट में लगा दिए जाते हैं। एडीसी की अदालत ने उन पर भारी जुर्माना भी लगाया है। वे कहते हैं कि यदि किसी को मिलावट संबंधी शिकायत करनी है तो वे 01823222036 पर फोन कर सकते हैं। विभाग मामले की जांच करेगा। ------------