कुरीतियों को खत्म करने के लिए युवाओं को जागरूक करना होगा
श्रीराम कथामृत के दौरान बुधवार को वर्तमान में जन्मी अनेक कुरीतियों को खत्म करने के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक करने का संदेश दिया गया।
जेएनएन, नवांशहर : श्रीराम कथामृत के दौरान बुधवार को वर्तमान में जन्मी अनेक कुरीतियों को खत्म करने के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक करने का संदेश दिया गया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक से पांच फरवरी तक यहां एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कथा करवा रहा था। बुधवार को प्रवचन करते हुए कथा व्यास साध्वी सुमेधा भारती ने कहा कि हमारा देश कभी दिव्यता से ओतप्रोत था। आज यहां कई कुरीतियों ने जन्म ले लिया है। इन कुरीतियों को समाप्त करने का दायित्व व क्षमता युवा पीढ़ी में है, क्योंकि उनकी भुजाओं में अदम्य बल और मन में कुछ कर गुजरने का जनून होता है। उन्होंने कहा कि युवा ही भविष्य के कर्णधार होते हैं। कर्णधार आज धराशाही हो चुके हैं, इसलिए समय की मांग है कि युवाओं को जगाया जाए, उन्हें प्रेरित किया जाए। साध्वी भारती ने कहा कि भगवान श्री राम जी ने अपनी लीलाओं के माध्यम से हमें यही सिखाया है कि कुरीतियों व गलत कार्यो को देखकर हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाने से उनका दमन नहीं हो सकता। उनका विनाश कर समाज को सभ्य व सुंदर बनाने के लिए तो हमें सक्रिय होना होगा। युवा स्वयं ही कुरीतियों की में बंधे हों तो वह किसी और को कुरीतियों से मुक्त कैसे करवा सकते हैं। इसलिए सर्वप्रथम युवा पीढी की दिशा को उत्थान के मार्ग पर ले जाना होगा। उन्हें भीतर से जगाना पड़ेगा। बुधवार को कथा के दौरान अशोक कुमार, मीनाक्षी, लोमिश, जानवी, राजपाल, नीरज, सत्यादेवी, सन्नी, रणजीत ने विधि पूर्व यजमान पूजन किया। कथा का समापन विधिवत प्रभु की आरती से किया गया। आरती में शहर के गणमान्य तहसीलदार कुलविदर सिंह, सतपाल उम्मट, प्रमोद भारती, ओम प्रकाश, भारती आंगरा, नरिद्र रतन, हरमिदर सिंह आदि उपस्थित थे।
गुरु के बिना गति मिलना मुश्किल
साघ्वी सुमेधा भारती ने कहा कि गुरु के बिना किसी को भी गति प्राप्त नहीं हो सकती। ऐसे गुरु की खोज मानव को सदा ही करनी चाहिए जो उसकी सोई आत्मा को जगा दे और उसका मिलाप ईश्वर के साथ करवा दे। तभी मानव संपूर्ण बन सकता है और समस्त विकारों से दूर रहकर दूसरों को सही दिशा दिखा सकता है। कथा के तहत दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान से पधारी अन्य साध्वी बहनों ने संगीतमय भजनों के माध्यम से उपस्थित जन समूह को आनन्द विभोर किया।