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ब्लैक स्पाट बन रहे दुर्घटनाओं का कारण, पांच माह में 42 लोगों ने गवाई जान

लाकडाउन व क‌र्फ्यू के कारण जहां दुर्घटना में होने वाले मौतों की घटनाएं बिल्कुल ही कम हो गई थी वहीं लाकडाउन खुलने के पांच माह बाद जून से लेकर अक्टूबर तक जिले में 42 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 08:30 AM (IST)
ब्लैक स्पाट बन रहे दुर्घटनाओं का कारण, पांच माह में 42 लोगों ने गवाई जान
ब्लैक स्पाट बन रहे दुर्घटनाओं का कारण, पांच माह में 42 लोगों ने गवाई जान

सुशील पांडे, नवांशहर : लाकडाउन व क‌र्फ्यू के कारण जहां दुर्घटना में होने वाले मौतों की घटनाएं बिल्कुल ही कम हो गई थी वहीं लाकडाउन खुलने के पांच माह बाद जून से लेकर अक्टूबर तक जिले में 42 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। जबकि लाकडाउन में दुर्घटना होने की घटनाएं बिल्कुल ही बंद हो गई थी। अप्रैल माह व मई में सिर्फ एक ही दुर्घटना हुई थी व इसमें भी न तो किसी की मौत हुई थी व न ही कोई घायल हुआ था वहीं जून में पूरी तरह से लाकडाउन में छूट मिलने के बाद तीन दुर्घटनाएं हुई जिसमें पांच लोगों की मौत हुई। जुलाई में दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ कर सात पर पहुंच गया व पांच लोगों की मौत हो चुकी है। अगस्त माह में भी पांच लोगों की जान सड़क दुर्घटना में गई है तो सितंबर माह में यह आंकड़ा बढ़ कर 12 और अक्तूबर माह में यह आंकड़ा 13 पर पहुंच गया है। हाइवे पर बने कट दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। बढ़ सकती है दुर्घटनाएं

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इस साल सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। जिले में जहां 25 ब्लैक स्पाट बने हुए हैं वहां पर दुर्घटनाएं होती रहती है पर हाईवे बनने के कारण दुर्घटना के होने का अंदेशा और बढ़ गया है। हाइवे के किनारे स्थित गांवों को जाने वाले कई रास्तों पर कट नहीं लगाए गए हैं। जिस कारण लोग कट तक जाने का लंबा फासला तय न करके उल्टे रास्तों से ही चल देते हैं। ऐसे में रात के अंधेरे में कई दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। काठगढ़ में कुछ दिन पहले ट्रैक्टर-ट्राली की मोटरसाइकिल से हुई टक्कर में तीन युवकों की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना भी कट पर ही हुई थी। हर साल एक माह में आठ लोग गवां देते हैं जान

जिले में हर साल दुर्घटना में होने वाली औसत मौतों को बात करें तो हर माह 8 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते थे तो कई अपाहिज हो जाते थे। इनमें से 90 फीसद घटनाएं जिले में बने 25 ब्लैक स्पाट पर होती थी। पिछले साल 23 मार्च से लेकर 31 मई तक 18 दुर्घटनाएं हुई थी इनमें 13 लोगों की मौत हो गई थी व 16 लोग घायल हो गए थे। लाकडाउन के कारण इस वर्ष दो माह में एक ही दुर्घटना हुई। पर अब सितंबर माह व अक्तूबर माह की मौतों का आंकड़ा बता रहा है कि हाइवे के कारण दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।

2019 दुर्घनाएं मौतें घायल

जनवरी 11 09 06

फरवरी 10 07 12

मार्च 02 01 01

अप्रैल 07 04 10

मई 11 09 06

जून 13 09 08

जुलाई 02 00 03

अगस्त 06 05 03

सितंबर 03 02 01

अक्तूबर 06 03 03

नवंबर 05 03 03

दिसंबर 06 05 05 ----------- 2020 दुर्घटनाएं मौतें घायल

जनवरी 05 06 01

फरवरी 13 09 11

मार्च 09 07 06

अप्रैल 01 00 00

मई 00 00 00

जून 03 05 01

जुलाई 07 05 01

अगस्त 05 05 01

सितंबर 17 12 07

अक्तूबर 13 15 05

जिले के यह हैं 25 ब्लैक स्पाट जहां फिर से होने लगी दुर्घटाएं -बाहड़ माजरा (बहराम)

-गैलेक्सी रिजोर्ट से जौड़ा पीर (बहराम)

-मार्केट बहराम (अंदरूनी)

-मार्केट बहराम (बाहरी)

-एनिमल डाइड लैंड बहराम

-कलेरा टी प्वाइंट ढाहा

-मजारी (तहसील बंगा)

-बंगान (दाना मंडी)

-बंगा जिदोवाल

-खटकड़ कला (बंगा)

-ड्रीमलैंड रिजोर्ट से लाल ढाबा(नवांशहर)

-आंबेडकर चौक से चंडीगढ़ चौक

-आइवीवाइ अस्पताल से सिविल अस्पताल तक(नवांशहर)

-लंगड़ोया श्मशान घाट से सरकारी स्कूल तक

-लंगड़ोया में रामरायपुर कट से गुरविदर ढाबे तक(नवांशहर)

-बैरसिया राहों रोड (नवांशहर)

-जाडला दौलतपुर बस स्टैंड (नवांशहर)

-गढ़ी कानूनगो (बलाचौर)

-कंगना पुल बलाचौर

-घई पंप से सुज्जोवाल तक(बलाचौर)

-एम्मा चाहल से भरथला बस स्टैंड(काठगढ़)

-रैल माजरा फ्लाईओवर(काठगढ़)

-मजारी तहसील(बलाचौर)

-मुकंदपुर शहशाह गेट(मुकंदपुर)

-औड़ वाई प्वाइंट(औड़)


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