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मात्र पांच कंप्यूटरों की कमी के कारण पांच सालों से मोबाइल पर अपलोड नहीं हुआ नगर कौंसिल

नवांशहर कौंसिल की सभी सुविधाओं को सिर्फ एक क्लिक में लोगों को मुहैया करवाने की योजना अटकी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 11:46 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:24 AM (IST)
मात्र पांच कंप्यूटरों की कमी के कारण पांच सालों से मोबाइल पर अपलोड नहीं हुआ नगर कौंसिल
मात्र पांच कंप्यूटरों की कमी के कारण पांच सालों से मोबाइल पर अपलोड नहीं हुआ नगर कौंसिल

सुशील पांडे, नवांशहर : वर्तमान डिजीटल युग है। हर हाथ में एक स्मार्ट फोन है। देश की हर सुविधा, सेवा, शहर की अपडेट यहां तक कई गांव भी डिजीटल हो गए हैं लेकिन नवांशहर नगर कौंसिल पांच सालों से मात्र पांच कंम्यूटरों की कमी के कारण मोबाइल में अपलोड होने के काबिल नहीं बन पाया।

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नवांशहर कौंसिल की सभी सुविधाओं को सिर्फ एक क्लिक में लोगों को मुहैया करवाने की योजना अटकी हुई है। इस योजना को पूरा करने के लिए पांच कंप्यूटरों की जरूरत है लेकिन कर्मचारियों की मांग के बावजूद इसका प्रस्ताव पास नहीं किया जा रहा है। विभाग ने पांच साल पहले से पूरे शहर का डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया गया था लेकिन कंप्यूटर न होने की वजह से डाटा सेव नहीं हो पाया। अगर कौंसिल को कंप्यूटर पहले ही मिल जाते तो नगर कौंसिल की मोबाइल एप हर शहरवासी के फोन में देखने को मिलती। कंप्यूटर मिलने की उम्मीद जगी

30 सितंबर को नगर कौंसिल की मासिक बैठक में पांच कंप्यूटरों को खरीदे जाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया है। अब उम्मीद है कि जल्द ही कंप्यूटर मिल जाएंगे और डाटा एंट्री का काम तेज हो जाएगा। इससे शहरवासियों को घर बैठे ही नगर कौंसिल से संबंधित सभी सुविधाएं शहरवासियों को घर बैठे ही प्राप्त हो सकेगी।

मिोबाइल एप से मिलेंगे ये लाभ

नगर कौंसिल की ओर से शहर का लगभग 30 प्रतिशत डाटा ऑनलाइन चढ़ चुका है पर पूरा डाटा न चढ़ने के कारण सभी लोगों को फायदा नही मिल रहा है। डिजीटल एप बनने से शहर के नक्शे और नगर कौंसिल से जुड़ी अन्य जानकारी सिगल क्लिक पर मिल जाएगी। वहीं इससे सीवरेज व पानी के बिलों की रिकवरी करने में आसानी होगी। प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को नगर कौंसिल नवांशहर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लांच किया जाना है। मोबाइल एप के बनने के बाद इसकी कनेक्टिविटी गूगल मैप होगी ताकि लोगों को संबंधित जमीन, प्लाट के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है।

प्लाटों व जमीन की खरीदारी में रूकेगी धोखाधड़ी

नगर कौंसिल की हद में आती जमीन को ऑनलाइन व एप में डाले जाने से सबसे ज्यादा फायदा यह होगा कि जमीन व प्लाटों की खरीद-फरोख्त में हो रही धोखाधड़ी बंद हो जाएगी। अगर किसी व्यक्ति ने कोई प्लाट खरीदना हो तो वो एप पर जा कर पता कर सकेगा कि जिस नंबर के प्लाट को वह खरीदना चाह रहा है वह किस नाम पर है। योजना के अनुसार कौंसिल द्वारा घरों, दुकानों या यूनिट को यूनीक नंबर भी अलॉट किए जाने हैं। कंप्यूटरों के आने के बाद तेजी से होगा काम

नगर कौंसिल के सुपरिंटेंडेंट व प्रोजेक्ट के इंचार्ज अमरदीप सिंह का कहना है कि कौंसिल की ओर से सर्वे करवाकर डाटा इकट्ठा करके डायरेक्टोरेट दफ्तर चंडीगढ़ भेजा जा जाना है। कंप्यूटरों की कमी के चलते काम देरी से हो रहा है। मोबाइल एप्प बनने के बाद से वेबसाइट से जोड़ा जाएगा।

सितंबर माह की बैठक में डाला गया है प्रस्ताव

नगर कौंसिल के अध्यक्ष ललित मोहन पाठक का कहना है कि सितंबर माह की बैठक में पांच कंप्यूटरों को खरीदने के लिए प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कंप्यूटर नगर कौंसिल को मिल जाएंगे जिसके बाद मोबाइल एप बनने का सपना भी जल्द पूरा हो जाएगा।


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