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समाज की जड़ों को कमजोर कर रहा भ्रष्टाचार

नवांशहर नवांशहर में विजीलेंस विभाग और जिला प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जिला स्तरीय जागरूकता सेमिनार लगाया ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 01:54 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 02:56 AM (IST)
समाज की जड़ों को कमजोर कर रहा भ्रष्टाचार
समाज की जड़ों को कमजोर कर रहा भ्रष्टाचार

जयदेव गोगा, नवांशहर: नवांशहर में विजीलेंस विभाग और जिला प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जिला स्तरीय जागरूकता सेमिनार लगाया । इस मौके पर भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम की कामयाबी के लिए जिला वासियों के सहयोग की भी जरूरत महसूस की गई। अधिकारियों व कर्मचारियों से भी आह्वान किया गया कि वह अपनी ड्यूटी को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ अंजाम दें। लोगों ने इसके लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल करीहा के पंजाबी के अध्यापक सतनाम सिंह ने कहा कि जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए कदमों की तारीफ होनी चाहिए। भ्रष्टाचार हमारे समाज की जड़ों को कमजोर कर रहा है। इससे निजात पाना हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है। इस मुहिम की कामयाबी के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग बहुत ही जरूरी है। मनोज कंडा ने कहा कि आजकल भ्रष्टाचार हमारी राजनीतिक परंपरा का हिस्सा बना हुआ है, जोकि हमारे देश की जड़ों को खोखला कर रहा है। इसके लिए विशेष उपाय किए जाने चाहिए।

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पूर्व प्रिसिपल कृष्णा जोशी ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की वजह से पूरे विभाग की छवि खराब होती है। पुलिस विभाग में भी ईमानदार लोर्गो की कमी नहीं, लेकिन बदकिस्मती से ऐसे मामले लगातार सामने आते रहते हैं, जिससे आम लोगों में पुलिस विभाग के प्रति गलत धारण बनती है। इसे दूर करने की जरूरत है।

रिटायर्ड बैंक अधिकारी राकेश चैतल ने बताया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी तरीके से आडिट करने की सख्त जरूरत है। अंकुश लगाने वालों को भी दक्ष बनाए रखने की आवश्यकता है। जब भ्रष्टाचार के खिलाफ सही ढंग से कार्रवाई नहीं होती, तो उसे समाज में मंजूरी मिल जाती है। रिटायर्ड विज्ञान अध्यापक हरबंस सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के किसी एक मामले में कार्रवाई नहीं करने पर ही भविष्य में बड़े घोटालों की नींव तैयार होती है। इससे बड़े लेबल पर भ्रष्टाचार करने का बहुत से लोगों का हौसला बढ़ जाता है। ऐसे काले धन को वे विदेशी बैंकों में जमा करवाते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ती है। अध्यापक सुशील छिब्बा ने कहा कि भ्रष्टाचार से कोई एक एजेंसी मुकाबला नहीं कर सकती, इसके लिए सामूहिक तौर पर काम करना होगा। भ्रष्टाचार में लिप्त कुछ लोगों ने गलत ढंग से करोड़ों रुपये कमाए हैं, लेकिन कमजोर प्रबंधन की वजह से आज तक भी उनका कोई बाल बांका नहीं कर पाया।


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