नशे का सेवन मानसिक समस्या, जागरूकता ही उपाय
जिला में नशा तस्करी और नशाखोरी के खिलाफ प्रशासन ने एक विशेष मुहिम छेड़ी है।
वासदेव परदेसी, नवांशहर : जिला में नशा तस्करी और नशाखोरी के खिलाफ प्रशासन ने एक विशेष मुहिम छेड़ी है। इस मुहिम के तहत जहां नशा तस्करों की धरपकड़ ने तेजी पकड़ी है। वहीं, नशे की समस्या से जूझ रहे युवाओं की नशा छुड़ाने में विशेष मदद की जा रही है। ड्रग्स के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस पूरे जिले में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों प्रमुख अधिकारियों, चिकित्सकों और समाजसेवियों ने अपने अपने स्तर पर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया। लोगों ने भी इस मुहिम का विशेष सहयोग किया है। युवाओं के भविष्य को प्रभावित करता है नशा
जोगा सिंह साहदड़ा का कहना है कि ड्रग्स का सेवन या नशे की लत एक मानसिक समस्या है, जो न केवल युवाओं को प्रभावित करती है, बल्कि उनके भविष्य को भी बर्बाद करके रख देती है। यह व्यक्तियों को और समाज के कई क्षेत्रों को नष्ट कर देती है। इनमें मुख्य है सामाजिक, शारीरिक, सांस्कृतिक, भावनात्मक और आर्थिक। जागरूकता ही एक मात्र उपाय
जेएस गिद्दा का कहना है कि नशीले पदार्थों की तस्करी एक अंतरराष्ट्रीय अवैध व्यापार है। इसमें मूलभूत कानूनों के अनुसार निषेध पदार्थ, उत्पादन, खेती, प्रसार और बिक्री शामिल है। आज का दिन नशे के अवैध उत्पादन और उनके सेवन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बुरे प्रभावों के लिए जागरूक करता है। इसकी अवैध तस्करी और इससे जुड़े खतरों के बारे में लाखों लोगों को अवगत करना है। लिहाजा, समस्या से पिनटने लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है सामुदायिक सहायता की जरूरत
गुरचरण सिंह बसियाला का कहना है कि जब नशे का दुरुपयोग व्यापक रूप में समाज के बीच फैल जाता है, तो उस समय सबसे अधिक अनिवार्य है। नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिे सामुदायिक सहायता की जरूरत जैसे रोकथाम, इलाज से बेहतर है। हमें सभी को मिलकर इस खतरनाक बुराई की रोकथाम के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बनकर आगे आना चाहिए।