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एक साल बाद भी राख की समस्या का नहीं हुआ समाधान

राजेंद्र मेहता, नवांशहर स्थानीय शूगर मिल में चल रहे बिजली के कोजनरेशन प्लांट से राख का गिरना ब

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 11:57 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 11:57 PM (IST)
एक साल बाद भी राख की समस्या का नहीं हुआ समाधान
एक साल बाद भी राख की समस्या का नहीं हुआ समाधान

राजेंद्र मेहता, नवांशहर

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स्थानीय शूगर मिल में चल रहे बिजली के कोजनरेशन प्लांट से राख का गिरना बंद नहीं हुआ है, जबकि इसके लिए जिला प्रशासन व पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से प्लांट के प्रबंधकों को कई बार मौखिक व लिखित तौर पर कहा गया है। राख से परेशान शहर की जनता ने भी प्रशासन को कई बार इसके हल के लिए संघर्ष करने का अल्टीमेटम भी दिया, लेकिन दो महीने से चल रही जनता व प्रशासन की जद्दोजहद भी अभी तक बेनतीजा ही साबित हो रही है। उधर, प्लांट के प्रबंधक इस समस्या के हल के लिए लगातार प्रयासरत हैं। तथा एक्स्पर्ट इंजीनियर बुला कर संशोधन किया जा रहा है। गौर है कि मिल के कोजनरेशन प्लांट से राख निकलने की समस्या पिछले वर्ष से चली आ रही है, तथा उस समय भी संगठनों ने आवाज उठाई थी। यह समस्या आज भी जारी है। और गत नवंबर महीने से शहरवासी प्रशासन से बार-बार इसके हल के लिए गुहार लगा रहे है,तथा प्रशासन और पीपीसीबी के अधिकारी प्लांट के सैंपल लेकर खानापूर्ति कर रहे हैं। ध्यान रहे गत 18 दिसंबर को सहायक कमिश्नर तरसेम चंद व पीपीसीबी के कार्यकारी अधिकारी अशोक शर्मा के साथ अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में शहरवासियों को राख बंद होने के पक्के तौर पर हल करने का भरोसा दिया था। इसके बाद समस्या कायम रहने पर शहरवासियों ने दो जनवरी को प्रस्तावित धरना देने की तैयारी की तो प्रशासन ने आनन-फानन में पहली जनवरी को अतिरिक्त जिलाधीश अमृत ¨सह की अगुवाई में कौंसिल कार्यालय में अन्य अधिकारियों की शहर के गणमान्यों के साथ बैठक हुई जिसमें प्लांट के प्रबंधकों को नोटिस देने व सैंपल लेने की बातें की गईं। इस पर शहरवासियों ने प्रशासन को 10 जनवरी तक राख की समस्या का हल करने की बात कही और इसके बाद धरना देने का अल्टीमेटम दिया।

12 को दिया जाएगा धरना

इस संबंध में अकाली दल के शहरी जिला प्रधान शंकर दुग्गल व अकाली नेता मन¨जदर ¨सह वालिया ने कहा कि यदि को-जनरेशन प्लांट से राख गिरनी बंद न हुई तो 12 जनवरी को धरना दिया जाएगा। उन्होने कहा कि प्रशासन को बार-बार इस समस्या के हल के लिए कहा गया है, लेकिन प्रशासन और पीपीसीबी विभाग सफल नहीं हुआ है। उन्होने कहा कि 9 जनवरी को जिला प्रशासन के साथ हुई बातचीत के बाद को-जनरेशन प्लांट के हैड ने भरोसा दिया है कि इंजीनियर बुलाया है तथा रात भर काम करके इस समस्या का हल किया जाएगा। उन्होने कहा कि 11 जनवरी को नगर कीर्तन है तथा इसके उपरांत शहरवासियों से बात की जाएगी। अगर समस्या कायम रही तो प्रशासन इस प्लांट को बंद करने को कहा जाएगा, शहरवासियों को तो राख की समस्या है इसका हल होना चाहिए।

पिछले साल की समस्या का हल नहीं हुआ इस र्वष भी: ¨सह दीप

इंडियन फैडरेशन ऑफ टरेड यूनियन के राज्य प्रैस सचिव जसवीर ¨सह दीप ने कहा कि को-जनरेशन से निकलने वाली राख की समस्या पहले की तरह कायम है। प्रशासन व पीपीसीबी अधिकारी इस समस्या को संजीदगी से नहीं ले रहे है। उन्होने कहा कि पूंजीवादी लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह शहरवासियों की अहम समस्या है, यदि इसका हल शीघ्र न हुआ तो शहरवासियों के सहयोग से 12 जनवरी को दिया जाने वाले धरने में उनका संगठन दिया जाएगा।

एक्स्पर्ट इंजीनियर कर रहे हैं इसका हल : छाजेड

को-जनरेशन प्लांट के साइट इंचार्ज वी के छाजेड ने कहा कि प्लांट से निकलने वाली राख को बंद करने के लिए एक्स्पर्ट इंजीनियर बुलाए हैं। उन्होने कहा कि 3-4 जनवरी को प्लांट बंद करके इसकी मुरम्मत व कुछ संशोधन किया जा रहा है। प्लांट में लगा पोल्यूशन कंट्रोल सिस्टम उच्च तकनीक का लगाया हुआ है। उन्होने प्लांट में पराली, गन्ने की खोरी व प्लाइ-चिपस का प्रयोग बंद कर दिया है तथा अब सिर्फ गन्ने की बगास (पीड़) ही प्रयोग की जा रही है। उन्होने कहा कि कंपनी शहर का वातावरण शुद्ध रखने के लिए तत्पर है तथा राख बंद करने के लिए यत्न भी कर रही है।

राख बंद करने के लिए बदलना पड़ सकता है बायलर

पिछले र्वष से जब से मिल में को-जनरेशन प्लांट चालू हुआ है, तब से शहरवासी राख से परेशान है। जबकि इस समस्या को लेकर शहरवासियों द्वारा बार-बार आवाज बुलंद करके प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की गुहार लगाई है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार को-जनरेशन प्लांट में अगर सीएफबीसी बायलर लगा हो तो बायो-मास बवा में बर्न होता है, जिससे राख का कण पैदा नहीं होता। यदि नारमल बायलर लगा है तो बायो-मास के कण जमीन में रहते है जो राख बन कर चिमनी से उड़ते है। ईएसपी यंत्र लगाने से भी ज्यादा र्फक नहीं पड़ेगा। अगर सही मायनों में राख की समस्या का हल करना है तो कंपनी को बायलर चेंज करना पड़ सकता हैजिस पर करीब करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च आएगा।

प्रशासन कर रहा है इस समस्या पर लीपापोती

पिछले वर्ष से राख की समस्या से जूझ रही शहर की जनता को निजात दिलाने में जिला प्रशासन अभी तक असफल रहा है। तथा पिछले दो महीने से प्रशासनिक अधिकारियों से बैठकें होने पर भी शहरवासियों को सिर्फ लालीपाप ही थमाया गया है। शहरवासी जब भी राख बंद करवाने की समस्या पर संघर्ष करने की तैयारी करते हैं तो अधिकारी बैठक करके गनमान्यों को कारवाई करने का झूठा आश्वासन देकर शांत करवा देते हैं। इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर विनय बबलानी ने बात करने पर कहा कि इस मामले को अतिरिक्त जिलाधीश देख रहे है।


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