महापुरुषों की कृपा से दूर होता है अंधकार : साध्वी दिवेशा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्री कृष्ण कथा के अंतिम दिन साध्वी दिवेशा भारती ने आध्यात्मिक रहस्यों को समझाया। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण कथा के अंतिम दिवस में प्रभु श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग शामिल था जिसे नन्दोत्सव के रूप में मनाया गया।
संवाद सहयोगी, बलाचौर : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्री कृष्ण कथा के अंतिम दिन साध्वी दिवेशा भारती ने आध्यात्मिक रहस्यों को समझाया। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण कथा के अंतिम दिवस में प्रभु श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग शामिल था, जिसे नन्दोत्सव के रूप में मनाया गया। इसमें सभी नर-नारी और बच्चों ने खूब आनंद लिया। बहुत से बच्चे कृष्ण के सखा बनने की इच्छा से सज-धज कर पीले वस्त्र पहन कर इस उत्सव में शामिल हुए। नन्दोत्सव की छटा अद्भुत थी। ऐसा प्रतीत होता था कि मानो समूचा पंडाल ही गोकुल बन गया हो एवं सभी नर-नारी गोकुलवासी। केवल ग्वाल-बालों के रूप में सजे बच्चों ने ही नहीं, बल्कि सभी आगंतुकों ने कृष्ण जन्म के अवसर पर खूब माखन-मिश्री का प्रसाद पाया। साध्वी दिवेशा भारती ने कहा कि जब-जब इस धरा पर धर्म की हानि होती है, अधर्म, अत्याचार, अन्याय, अनैतिकता बढ़ती है, तब-तब धर्म की स्थापना के लिए करुणानिधान ईश्वर अवतार धारण करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द कहना है कि परमात्मा का साक्षात्कार ही धर्म है। जब-जब मनुष्य ईश्वर भक्ति के सनातन-पुरातन मार्ग को छोड़कर मनमाना आचरण करने लगता है तो इससे धर्म के संबंध में अनेक भ्रांतियां फैल जाती हैं। धर्म के नाम पर विद्वेष, लड़ाई-झगड़े, भेद-भाव, अनैतिक आचरण होने लगता है, तब प्रभु अवतार लेकर इन बाह्य आडंब्बरों से त्रस्त मानवता में ब्रह्मज्ञान के द्वारा प्रत्येक मनुष्य के अंदर वास्तविक धर्म की स्थापना करते हैं। श्री कृष्ण का प्राकट्य केवल मथुरा में ही नहीं हुआ, उनका प्राकट्य तो प्रत्येक मनुष्य के अंदर होता है, जब किसी तत्वदर्शी ज्ञानी महापुरुष की कृपा से उसे ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है। किसी तत्वदर्शी महापुरुष की कृपा से परमात्मा का प्राकट्य मनुष्य हृदय में होता है, तो परमात्मा के दिव्य रूप 'प्रकाश' से समस्त अज्ञान रूपी अंधकार दूर हो जाते हैं। विषय-विकार रूपी पहरेदार सो जाते हैं, कर्म बंधनों के ताले खुल जाते हैं और मनुष्य की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। इसलिए ऐसे महापुरुष की शरण में जाकर हम भी ब्रह्मज्ञान को प्राप्त करें तभी हम कृष्ण जन्म प्रसंग का वास्तविक लाभ उठा पाएंगे।
इस कथा की रोचकता से प्रभावित होकर अपार जनसमूह के साथ-साथ शहर के विशिष्ट नागरिक भी कथा प्रसंगों को श्रवण करने के लिए पधारे। कथा के दौरान साध्वी उत्तमा भारती, डा. सुनील पाठक (रिटायर्ड सीएमओ), पूनम मनिक भाजपा जिला प्रधान, पूर्व विधायक ओम प्रकाश, कौंसिल प्रधान नरेंद्र घई टिकू, राजेश, पार्षद रचना आनंद, हेमराज माहीपूर, अशोक बांठ, बोबी पार्षद, डा. अमनदीप कौर सूरी गायनाकलोजिस्ट, डा. भूपिदरजीत सिंह सूरी रैडीयोलिस्ट, दर्शन लाल ने ज्योति प्रज्ज्वलित की रसम अदा की। साध्वी सर्वसुखी भारती, साध्वी रिचा भारती, साध्वी सुखदीप भारती, साध्वी निर्मलज्योति भारती ने सुमधुर भजनों का गायन किया।