Move to Jagran APP

ब्रैस्टफीडिंग से माताओं में कैंसर का खतरा होता है कम : डा. गुरिदरबीर कौर

सेहत विभाग की ओर से हर साल एक से सात अगस्त तक लोगों को मां के दूध की महत्ता के बारे में जागरूक करने के लिए विश्व ब्रैस्टफीडिग सप्ताह मनाया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 10:34 PM (IST)
ब्रैस्टफीडिंग से माताओं में कैंसर का खतरा होता है कम  : डा. गुरिदरबीर कौर
ब्रैस्टफीडिंग से माताओं में कैंसर का खतरा होता है कम : डा. गुरिदरबीर कौर

जागरण संवाददाता, नवांशहर:

loksabha election banner

सेहत विभाग की ओर से हर साल एक से सात अगस्त तक लोगों को मां के दूध की महत्ता के बारे में जागरूक करने के लिए विश्व ब्रैस्टफीडिग सप्ताह मनाया जाता है। इस साल सेहत विभाग की तरफ से ब्रैस्टफीडिग को सुरक्षित करना एक सांझी जिम्मेदारी विषय के तहत ब्रैस्टफीडिग सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान जिले की एएनएम और आशा वर्करों सहित सेहत विभाग के अन्य फील्ड कर्मचारियों की तरफ से गर्भवती औरतों और दूध पिलाने वाली माताओं को मां के दूध की महत्ता के संबंध में निरंतर जागरूक किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य नार्मल और आपरेशन के पश्चात हुई प्रसूति होने पर जल्दी से जल्दी बच्चे को मां का दूध देना यकीनी बनाना है।

•िाले के नए सिवल सर्जन डा. गुरिदरबीर कौर ने सोमवार को जिला प्रोग्राम अफसरों और सीनियर मेडिकल अफसरों के साथ अपनी पहली मीटिंग में राष्ट्रीय सेहत प्रोग्रामों सहित विश्व ब्रैस्टफीडिग सप्ताह के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को मां का दूध पिलाने से एक तरफ जहां बच्चे को बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। वहीं दूसरी तरफ बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली माताओं में छाती के कैंसर, अंडेदानियों का कैंसर और शुगर की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

डा. गुरिदरबीर कौर ने बताया कि भारत में केवल 55 प्रतिशत बच्चों को ही पहले छह महीनों के दौरान मां का दूध पिलाया जाता है। जिसके कारण करीब एक लाख बच्चें मौत का शिकार हो जाते है। जिसे कम करने की जरुरत है। मां का दूध बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि जन्म के बाद पहले आधे घंटे के अंदर ही बच्चे को मां का दूध देना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि मां का पहला दूध बच्चे को पिलाने से बच्चों में बीमारियों से लड़ने की ताकत पैदा होती है। जिन बच्चों को मां का दूध नहीं दिया जाता, उनमें निमोनिया के साथ 15 प्रतिशत और हाथों की बीमारी के साथ 11 प्रतिशत अधिक मौत का खतरा होता है। उन्होंने बताया कि विश्व सेहत संस्था ने दुनिया में साल 2025 तक ब्रैस्टफीडिग को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। इस मौके पर •िाला सेहत अ़फसर डा कुलदीप राय, सहायक सिविल सर्जन डा. जसदेव सिंह, जिला परिवार भलाई अ़फसर डा. राकेश चंद्र, •िाला टीकाकरण अ़फसर बलविदर कुमार, डा. जगदीप सिंह, श्यामावेदा देवी, सीनियर मेडिकल अ़फसर डा गीतांजली सिंह, डा उषा किरण, डा कुलविदर मान, डा. हरबंस सिंह, डा. गुरविदरजीत सिंह, डा. कविता भाटिया, जिला समूह शिक्षा और सूचना अफसर जगत राम, पीऐ अजय कुमार, ब्लाक एक्स्टेंशन एजूकेटर विकास विर्दी और जिला प्रोग्राम मैनेजर राम सिंह समेत कई सेहत अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.