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वायु प्रदूषण रोकने के लिए पहल करें सभी विभाग

जिले में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर लोगों ने गहरी चिंता व्यक्त की है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 12:02 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:12 AM (IST)
वायु प्रदूषण रोकने के लिए पहल करें सभी विभाग
वायु प्रदूषण रोकने के लिए पहल करें सभी विभाग

जयदेव गोगा, नवांशहर : जिले में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर लोगों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि सरकार के साथ-साथ अन्य एजेंसियों को भी इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए आगे आना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए साफ हवा जरूरी है। वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जिसका असर दूर-दूर तक जाता है। 25 नवंबर को प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी जिसको लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने भी तेवर कड़े कर लिए हैं। मंत्रालय ने हाल ही में प्रदेश के मुख्य सचिव व अन्य विभागों के आला अधिकारियों की बुलाई थी जिस दौरान उन्हें साफ हिदायत दी गई कि प्रदूषण पर रोकथाम के नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें। बैठक में कहा गया हर किसी की जवाबदेही और जिम्मेवारी तय होगी व सजा भी दी जाएगी। लोगों का कहना है कि जो लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

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बचने के ठोस उपाय किए जाने चाहिए : कृष्ण शर्मा

व्यवसायी युवराज कृष्ण शर्मा ने कहा कि वायु प्रदूषण के कहर के बीच सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता इस मामले में सराहनीय है। इसी के साथ केंद्र सरकार भी कुछ करती हुई दिखाई दे रही है। सेहत के लिए घातक साबित होने वाले प्रदूषण से बचने के ठोस उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि तमाम डांट फटकार के बाद भी पंजाब में पराली जलाने पर प्रभावी तरीके से रोक नहीं लग सकी है। सरकार को वायु प्रदूषण के मूल कारणों को समझकर समय रहते इसका समाधान करना चाहिए।

एक दूसरे की खामियां लगाने में लगी हैं सरकारें : चंद्र मुरगई

हेडमास्टर रमेश चंद्र मुरगई ने कहा, सत्ता में बैठे लोगों को नागरिकों के स्वास्थ्य की चिता करनी चाहिए। जो सरकारें कल्याणकारी राज्य का सिद्धांत भूल रही हों, उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट सरकारों को फटकार लगा रहा है और सरकारें मिलकर काम करने की बजाए, एक-दूसरे की खामियां बताने में लगी हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आज हम जो रास्ता अपनाएंगे उस पर आने वाली पीढि़यों का भविष्य निर्भर करेगा।

एक आपदा जैसा साबित हो रहा है वायु प्रदूषण : दिगंबर

मास्टर दिगंबर पाल ने कहा कि बीते करीब एक दशक से हर बार अक्टूबर और नवंबर में वायु प्रदूषण उत्तर भारत के लिए एक आपदा जैसा साबित हो रहा है। इस दौरान सरकारें पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठा सकी है। यह सही है कि सख्त सजा प्रदूषण दूर करने का एक मात्र हल नहीं है। इसे लेकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने का भी किसी को कोई हक नहीं है।

प्रभावी कदम उठाना बहुत जरूरी : मनोहर लाल

कारोबारी मनोहर लाल का कहना है कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाना बहुत जरूरी है। पंजाब व हरियाणा में पराली जलाना इसलिए कम नहीं हो रहा, क्योंकि किसान धान की खेती करना पसंद कर रहे हैं। इसका कारण मुफ्त बिजली देने की नीति और धान की सरकारी खरीद है। मुफ्त बिजली के कारण किसान भू-जल का जमकर दोहन करते हुए धान उगाते हैं, क्योंकि उन्हें इसकी सरकारी खरीद का भरोसा रहता है।


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