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जिले में बाढ़ की स्थिति से निपटने को पूरी व्यवस्था : एडीसी

एडीसी अनुपम कलेर ने कहा कि प्रशासन ने जिले में बाढ़ जैसी किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 07:24 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 06:26 AM (IST)
जिले में बाढ़ की स्थिति से निपटने को पूरी व्यवस्था : एडीसी
जिले में बाढ़ की स्थिति से निपटने को पूरी व्यवस्था : एडीसी

जासं, नवांशहर : एडीसी अनुपम कलेर ने कहा कि प्रशासन ने जिले में बाढ़ जैसी किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था की है। उन्होंने तीनों सब डिवीजन के मजिस्ट्रेटों अपने-अपने इलाकों में बाढ़ से निपटने की तैयारियों के निर्देश दिए हैं। शनिवार को वह बाढ़ से बचाव की तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने एसपी (एच) हरीश दियामा, डीएसपी नवांशहर कैलाश चंद्र और डीएसपी बलाचौर जतिदरजीत सिंह को सतलुज नदी के धुस्सी बांध पर लगातार निगरानी रखने को कहा। एडीसी ने बताया कि जिला स्तर और सब डिवीजन स्तर पर 24-घंटे बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल का नंबर 01823-505824 और 226426 है। इसी प्रकार नवांशहर सब डिविजन के लिए 01823-220016, बलाचौर सब डिवीजन के लिए 01885-220075 और बंगा सब डिवीजन के लिए 01823-264666 नंबर होंगे। एडीसी ने कहा कि एसडीएम अपने सब डिवीजनों में बाढ़ से बचाव प्रबंधों के लिए इंचार्ज होगें। इसके साथ ही राहत व बचाव कार्य के लिए संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों को तैनात किया गया है। उन्होंने राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग से गांवों में बाढ़ के मामले में राहत कार्य के लिए नावों, टेंट, गोताखोर, पानी निकालने के लिए इंजन, आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में एसडीएम डॉ. विनीत कुमार, एसडीएम बलाचौर जसवीर सिंह, सिविल सर्जन राजिदर प्रसाद भाटिया, तहसीलदार बंगा अजीतपाल सिंह, लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन जसवीर सिंह, जिला राजस्व अधिकारी विपन भंडारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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एक्सईएन को नियमित रिपोर्ट देने के आदेश

ड्रेनेज विभाग के एक्सईएन राम रतन को रोपड़ हेड व‌र्क्स से आने वाले पानी की स्थिति और विशेष रूप से सतलुज बांध के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की निगरानी कर व इसके बारे में जिला अधिकारियों को नियमित रूप रिपोर्ट देने के लिए कहा गया। सिविल सर्जन को आपात स्थिति के दौरान मेडिकल टीमों और दवाओं उपलब्धता, पशुपालन विभाग को पशुओं के चारे, डीएफएससी को राहत केंद्रों के राशन, पेट्रोल व डीजल के प्रबंध करने के लिए कहा गया।


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