कंप्यूटर पर जाली वीजा दिखाकर ठगे 1.60 लाख, दफ्तर बंद कर ट्रैवल एजेंट फरार
जालंधर के जाली ट्रैवल एजेंट ने बलाचौर के दो युवकों को दुबई भेजने व नौकरी लगाने का झांसा देकर 1.60 लाख रुपये ऐंठ लिए। रुपये ऐंठने के बाद एजेंट अपना दफ्तर बंद कर फरार हो गया।
जासं, नवांशहर : जालंधर के जाली ट्रैवल एजेंट ने बलाचौर के दो युवकों को दुबई भेजने व नौकरी लगाने का झांसा देकर 1.60 लाख रुपये ऐंठ लिए। रुपये ऐंठने के बाद एजेंट अपना दफ्तर बंद कर फरार हो गया। जब परिजन फोन करते तो ट्रैवल एजेंट ने फोन उठाना बंद कर दिया। थाना बलाचौर की पुलिस ने ट्रैवल एजेंट के खिलाफ धोखाधड़ी व पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है।
गांव मीरपुर जट्टा निवासी सतनाम सिंह व गांव सिबल माजरा निवासी प्रीतपाल सिंह ने एसएसपी से शिकायत की थी कि जालंधर के जीएस बाजवा कांप्लेक्स स्थित श्री गणेश इंटरप्राइजेज के दीपक सचदेव व विशू अरोड़ा ने मिलकर उन्हें दुबई भेजने के नाम पर ठगी की है। दोनों ने मिलकर विदेश भेजने के नाम पर रुपये ले लिए, लेकिन उन्हें दुबई नहीं भेजा। सतनाम ने बताया कि दोनों ने उन्हें दुबई भेजने का झांसा दिया। इसके लिए उसने दोनों से 1.60 लाख रुपये की डिमांड की। 11 अक्टूबर 2017 को दोनों ने 40-40 हजार रुपये व अपना पासपोर्ट उन्हें दे दिया। इसके बाद 3 फरवरी 2018 को 40-40 हजार रुपये और दिए गए। सतनाम के पिता ने ये रुपये बैंक से ट्रांसफर किए गए। रुपये लेने के बाद इन्होंने दोनों को दुबई नहीं भेजा। रुपये लेने के लिए दोनों ट्रैवल एजेंटों ने उन्हें झांसा दिया था कि उनका वीजा आ गया। दुबई की टिकटें करवानी है। दोनों को विश्वास में लेने के लिए लैपटाप पर उन्होंने वीजा की फोटो भी दिखाई। इसके बाद उनके परिजनों ने उन्हें रुपए दे दिए थे। उन्होंने नहीं पता था कि वे धोखे के शिकार हो जाएगा। बाद में जब वे फोन करते तो दोनों फोन उठाना बंद कर दिया। अब दोनों उनके रुपए भी वापस नहीं कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर एसएसपी ने इस मामले की जांच डीएसपी बलाचौर को सौंपी थी।
डीएसपी ने अपनी जांच में पाया कि दोनों ट्रैवल एजेंटों ने विदेश भेजने के नाम पर दो बार करके उनसे 1.60 लाख रुपये ऐंठ लिए हैं। उन्होंने लैपटॉप पर वीजा की फोटो भी दिखाई थी। दोनों ट्रैवल एजेंटों के ट्रैवल एजेंट संबंधी जानकारी जिला मजिस्ट्रेट से ली गई तो दोनों के पास कोई भी लाइसेंस नहीं था। दोनों ने अवैध रूप से यह काम शुरू किया था। जब जांच टीम उनके कार्यालय गई तो दोनों कार्यालय बंद कर दिया था। मामले की जांच के बाद डीएसपी ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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