पराली की गांठें बनाकर दूसरे राज्यों को भेज रहे गुरुसर के युवा
गांव गुरुसर के युवक अमरदीप सिंह ने अपने पांच साथियों से मिलकर पराली को तूड़ी में तब्दील करके इसकी गांठें बनाकर दूसरे राज्यों को भेजने का प्रोजेक्ट लगाया है।
संवाद सूत्र, गिदड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब) : गांव गुरुसर के युवक अमरदीप सिंह ने अपने पांच साथियों से मिलकर पराली को तूड़ी में तब्दील करके इसकी गांठें बनाकर दूसरे राज्यों को भेजने का प्रोजेक्ट लगाया है। अपने साथियों कर्मजीत सिंह, मनदीप सिंह, रवनीत सिंह, मनदीप सिंह तथा यादविदर सिंह सहित अमरदीप सिंह मिटू का यह समूह अब तक 1900 एकड़ रकबे में पराली एकत्रित करके इसको जलाने से बचा चुका है। अमरदीप सिंह ने बताया कि उनके समूह के पास दो बेलर है जिनके तहत वह खेतों से लगभग 20 किलो की गांठ बनाकर पराली को अपने प्लांट में एकत्रित करते हैं। उन्होंने पराली की तूड़ी बनाने वाली तथा फिर आगे इस तूड़ी की गांठ बनाने वाली मशीन लगाई है। पराली को मशीन से पहले तूड़ी में बदला जाता है तथा फिर दूसरी मशीन से इस तूड़ी की दो क्विंटल 10 किलो की एक गांठ बनाई जाती है। यह मशीन पराली की तूड़ी को भारी प्रेशर से दबाकर गांठ बनाते है तथा एक गांठ का आकार सिर्फ चार फुट लंबा, दो फुट चौड़ा तथा दो फुट ऊंचा होता है। इस तरह इसका रख रखाव आसान हो जाता है तथा इसको स्टोर करना भी आसान हो जाता है। पशु चारे की कमी से जूझ रहे इलाकों में भेजी जा रही पराली
अमरदीप सिंह ने बताया कि वह पराली की तूड़ी की यह गांठें पशु चारे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए दूसरे राज्यों यहां पशु चारे की कमी है वहां भेजी जाती है। पराली को स्थानीय स्तर पर दूसरे चारे के साथ मिलाकर चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। सर्दियों में पशुओं के नीचे बिखेर दिया जाता है जिससे की जानवरों को सर्दी से बचाव हो सके। डीसी ने भी की अमरदीप की सराहना
अमरदीप सिंह ने बताया कि उनकी तरफ से लगातार किसानों को प्रेरित किया जा रहा है कि वह पराली को आग न लगाएं। उन्होंने कहा कि किसानो के खेत में पराली एकत्रित करने से कोई पैसा नहीं लेते है तथा उनके आसपास के गांवों से अब तक 1900 एकड़ में पराली को एकत्रित किया है। डीसी एमके अराविद कुमार ने उनके इस कार्य के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने दूसरे किसानों को भी अपील की है कि वह भी अमरदीप सिंह तथा उसके साथियों से इसकी प्ररेणा लें।