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वित्तीय हालत पर सुखबीर का मनप्रीत पर निशाना, कहा- सरकार टैक्स वसूल रही है तो खजाना खाली कैसे

सुखबीर ने कहा कि बादल सरकार में कभी भी खजाना खाली नहीं होता था। कहा कि खजाना तब खाली होता है जब टैक्स नहीं लिया जाता। जब सरकार टैक्स वसूल कर रही है तो खजाना खाली कैसे हो गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 23 Dec 2019 09:16 AM (IST)
वित्तीय हालत पर सुखबीर का मनप्रीत पर निशाना, कहा- सरकार टैक्स वसूल रही है तो खजाना खाली कैसे
वित्तीय हालत पर सुखबीर का मनप्रीत पर निशाना, कहा- सरकार टैक्स वसूल रही है तो खजाना खाली कैसे

जेएनएन, श्री मुक्तसर साहिब। शिअद प्रधान व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने पंजाब की वित्तीय हालत पर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह पर निशाना साधा। कहा कि मनप्रीत हालांकि उनके छोटे भाई हैं, लेकिन वह बार-बार खजाना खाली होने की दुहाई दे रहे हैं। सुखबीर ने कहा कि बादल सरकार में कभी भी खजाना खाली नहीं होता था। उन्होंने कहा कि खजाना तब खाली होता है, जब टैक्स नहीं लिया जाता। जब सरकार टैक्स वसूल कर रही है तो खजाना खाली कैसे हो गया।

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सुखबीर यहां माघी मेले की में होने वाली पार्टी की कांफ्रेंस की तैयारियों को लेकर बैठक करने आए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कांफ्रेंस में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं से पहुंचने का आह्वान किया। इस दौरान सुखबीर ने कांग्रेस पर धक्केशाही करने का आरोप भी लगाया। कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ व सुखजिंदर रंधावा केे इशारे पर झूठे पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं।

सुखबीर ने एक बार फिर दोहराया कि उनकी सरकार बनने पर ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो झूठे प र्चे दर्ज कर रहे हैं। झूठे पर्चे दर्ज करने वालों को सरकार बनने के पहले ही माह जेलों में बंद कर दिया जाएगा। सुखबीर बादल ने गत दिवस पटियाला में कहा था कि राज्य में अकाली सरकार बनने के बाद वह एसआइटी गठित कर इन अधिकारियों की जांच करवाएंगे। आरोपित पाए जाने वाले अधिकारी को जहां डिसमिस किया जाएगा, वहीं जिस थाने में उसने पर्चा दर्ज किया था, उसी थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे उसी थाने में उन्हें बंद किया जाएगा।

सुखबीर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सबसे नाकाम सीएम करार दिया था। कहा कि कहा कि आरटीआइ से पता चला है कि अमरिंदर तीन सालों में महज छह बार ही दफ्तर गए। इसके साथ ही वह जनता से तो मिलते ही नहीं। ऐसे में कैप्टन सरकार का हाल बगैर ड्राइवर वाली गाड़ी जैसा है, जिसकी टक्कर निश्चित होगी। अमरिंदर सरकार के दौरान एक्साइज, रेवेन्यू में भी गिरावट के मुद्दे पर कहा कि अकाली दल की सरकार के दौरान जहां रेवेन्यू पांच हजार करोड़ रुपये था, वहीं यह अब कम होकर 4500 करोड़ रुपये रह गया है।

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