अज्ञानता दुखों का कारण : प्रदीप रश्मि
सारे दुखों का मूल अज्ञान है। अज्ञानता लोगों को गलत रास्ते पर ले जाती है।
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब) सारे दुखों का मूल अज्ञान है। जैसे वृक्ष का मूल होने पर ही वृक्ष पर फल और पते आते हैं, वैसे ही अज्ञान का मूल होने पर ही दुखों के फल आते हैं। ज्ञान किसे कहते हैं। अज्ञान किसे कहते हैं जिससे जीवन में प्रकाश आ जाए, परिवर्तन आ जाए ,बदलाव आ जाए, जिससे समस्याओं में समाधान आ जाए वह ज्ञान हैं। जो हमें कहीं आसक्त कर दें, कही राग द्वेष में बांध दें, कहीं मोह माया में उलझा दे वह अज्ञान है। यह विचार पंजाब सिंहनी प्रदीप रश्मि ने एसएस जैन सभा में श्रद्धालुओं से कहे।
उन्होंने बताया कि परमात्मा प्रभु महावीर बताते हैं कि कैसे जीवन में ज्ञान आता हैं और अज्ञान जाता है। वृद्धजनों की, पूज्य जनों की सेवा करने से जीवन में ज्ञान का उजाला आता है। हमें उनके अनुभव उनके आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। वह प्रसन्न हो करके हमें अपने सारे अनुभव सारा ज्ञान प्रदान कर देते हैं। दूसरा उपाय हैं हमें अज्ञानियों की संगत से हमेशा दूर रहना चाहिए। अज्ञानियों की संगत से अज्ञान आता हैं और ज्ञानियों की संगत में बैठने से ज्ञान आता है। हमेशा अपने से श्रेष्ठ लोगों के साथ रहो या अपने सामान वाले के साथ रहो लेकिन अपने से कम गुण वाले व्यक्ति के साथ कभी न रहो। अपने से कम गुण वाले के साथ रहने से उनके साथ साथ हम भी नीचे की और चले जाते हैं।
इस अवसर पर एसएस जैन सभा के प्रधान प्रवीण जैन, कोषाध्यक्ष रमेश जैन, बिहारी लाल जैन, अमन कुमार जैन सुरेश कुमार जैन, यशपाल जैन, विजय कुमार जैन, लाली गगनेजा व बलदेव सिंह भी उपस्थित थे।