350 किसानों के माल रिकार्ड में हुई रेड एंट्री
पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन की गाज लगातार गिरती जा रही है।
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब : पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासन की गाज लगातार गिरती जा रही है। जिससे किसानों पर पर्चे दर्ज करने के साथ ही उनके माल रिकार्ड में भी रेड एंट्री की जा रही है। वहीं उन्हें जुर्माने भी किए जा रहे हैं।
वीरवार को एडीसी डॉॅ. रिचा ने जिले के अलग-अलग गांवों का दौरा किया और किसानों को पराली न जलाने को कहा।
107 किसानों पर हुए मामले दर्ज
डीसी एमके अराविद कुमार ने बताया कि अदालत द्वारा लगाई पाबंदी के बावजूद किसान पराली जला रहे हैं। जिस कारण अब तक जिले मे 107 किसानों पर मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा 386 किसानों के चालन जारी कर उन्हें नौ लाख 82 हजार 500 रुपये जुर्माना लगाया गया है। इतना ही नहीं पराली को आग लगाने वाले 350 किसानों के माल रिकार्ड में भी रेड एंट्री कर दी गई है। यह सख्ती भविष्य में भी जारी रहेगी।
दो कंबाइन मालिकों पर भी कार्रवाई
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एसडीएम रविपाल ने बताया कि हर कंबाइन के साथ सुपर एसएमएस सिस्टम होना जरूरी है। लेकिन जिले में दो मशीनों पर यह सिस्टम न लगा होने के कारण उनका चालान कर चार लाख रुपये का जुर्माना किया गया है। दूसरे दिन भी धरने पर रहे किसान
पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज मामले रद करने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेता दूसरे दिन भी धरने पर डटे रहे। इस दौरान किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। बारिश में भी किसान धरने पर बैठे रहे। किसानों का कहना है कि जब तक पर्चे रद नहीं किए जाते उनका धरना जारी रहेगा। जिलाध्यक्ष सुखदेव सिंह, निर्मल सिंह, जरनैल सिंह रोड़ांवाला ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए पूरा भार उन पर डाल रही है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसानों को 100 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से बोनस दिया जाए। लेकिन सरकार ने इसका कोई एलान नहीं किया है। यदि सरकार यह एलान करती है तो भी किसानों का नुकसान ही होगा। क्योंकि पराली जोतने में भी खर्च होता है। पराली जोतकर किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार रुपये का नुकसान होता है। अब तो मौसम खराब है, लेकिन जैसे ही मौसम साफ होगा तो वह फिर से पराली को आग लगाएंगे। इस अवसर पर गुरदेव सिंह, छिदा सिंह, शिवराज सिंह, योध सिंह, जगदीश सिंह, गुरमीत सिंह, प्रताप सिंह आदि मौजूद थे।