भाई को तिलक लगाते समय बहन का मुंह हो पश्चिम दिशा की ओर : पं. जोशी
रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार इस बार तीन अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाएगा।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार इस बार तीन अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन शुभ समय प्रात: 9-28 से लेकर रात 9-14 बजे तक है। इस बीच अपराह्न काल का वक्त है दोपहर 1-46 से शाम 4-26 प्रदोष काल है। शाम 7-06 बजे से रात-9-14 बजे तक। पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी रात 9-27 बजे। इसलिए इस बार रक्षा बंधन का शुभ कार्य सुबह-9-28 बजे से रात के 9-14 बजे तक कर सकते हें। यह जानकारी गांधी नगर में पं. पूरन चंद्र जोशी ने दी।
उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के दिन सुबह उठकर स्नान करें। साफ वस्त्र धारण करें और घर को साफ-स्वच्छ रखें। पूजा की थाली सजा कर भाई को आसन पर पूर्व दिशा को मुंह कर बैठाएं। थाली में तिलक रक्षा (राखी ) चावल फूल मिठाई दीप जलाकर रखें। भाई को तिलक लगाते समय बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर हो। अगर बहन बड़ी हो तो छोटे भाई को आशीर्वाद दे। अगर बहन छोटी हो तो बड़े भाई को प्रणाम करे। पं. जोशी के अनुसार एक पौराणिक कथा के अनुसार राजसूय यज्ञ के समय भगवान श्री कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था। इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंम्परा शुरू हुई। रक्षा बंधन के दिन ब्राह्मणों के द्वारा अपने यजमानों की शुभ मंगल मय कामना के लिए भी रक्षा सूत्र बांधने का विधान है। रक्षा बंधन का पावन दिन विद्या प्राप्ति का आरंम्भ करने के लिए बहुत शुभ माना गया है।