पराली का धुंआ प्रशासन के आदेशों पर भारी
हाइकोर्ट व ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से जारी किए गए आदेश किसानों की ओर से लगाई जा रही पराली को आग के धुंए के नीचे दबकर रह गए हैें। खेत में लगाई आग का धुंआ सड़कों पर बिखर जाता है। जिस कारण हादसे का भी खतरा बना रहता है। प्रशासन के आदेशों के बावजूद धान की पराली को आग लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। हालांकि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से कई किसानों को जुर्माने भी किए गए हैं। लेकिन फिर भी किसान धड़ाधड़ धान की पराली को आग लगा रहे हैं। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
सरबजीत ¨सह, श्री मुक्तसर साहिब :
हाईकोर्ट व ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से जारी किए गए आदेश किसानों की ओर से लगाई जा रही पराली को आग के धुंए के नीचे दबकर रह गए हैं। खेत में लगाई आग का धुआ सड़कों पर बिखर जाता है। जिस कारण हादसे का भी खतरा बना रहता है। प्रशासन के आदेशों के बावजूद धान की पराली को आग लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। हालांकि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से कई किसानों को जुर्माने भी किए गए हैं। लेकिन फिर भी किसान धड़ाधड़ धान की पराली को आग लगा रहे हैं। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
जगह जगह लग रही आग
सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे मलोट रोड गांव रुपाणा से आगे स्थित राजस्थानी पंप के साथ लगती जमीन में किसान की ओर से पराली को आग लगाई गई थी। एक तो पेट्रोल पंप के बिलकुल साथ उपर से रोड के साथ। आग से इस कदर धुआ उठ रहा था, जोकि सड़क को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले चुका था। इसी वजह से वाहन चालकों को वहां से गुजरने में दिक्कत आ रही थी। लेकिन किसान का मजदूर खेत में इधर उधर घूम रहा था तो किसान खुद सड़क के दूसरी ओर खड़ा देख रहा था। यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चलता रहा। लोग खेत के नजदीक आकर हार्न पर हाथ रख लेते। उन्हें ही खतरा रहता कि कहीं आगे से आकर कोई वाहन न उनसे टकरा जाए। उधर गांव झबेलवाली के पास भी रोड के नजदीक ही पराली को आग लगाई गई थी। जिससे लोगों को दिक्कत आ रही थी। उसका धुआं आसमान को छू रहा था।
सेटेलाइट कर रहा है काम
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार उनका सेटेलाइट काम कर रहा है और आग लगाने वाले किसानों की पहचान की जा रही है। इनमें से एक दर्जन के करीब किसानों के 70 हजार के करीब जुर्माना किया जा चुका है। जबकि 1500 के करीब किसानों की पहचान की जा चुकी है। उधर डीसी एमके अरा¨वद कुमार का कहना था कि वह अभी एसडीएम की ड्यूटी लगवाते हैं और मौका चेक करवाकर बनती कार्रवाई करवाते हैं।