बाबा फरीद आगमन पर्व मौके सजाया विशाल आलौकिक नगर कीर्तन
आगमन पर्व के वें दिन हरेक के भले के लिए विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, फरीदकोट : 12वीं सदी के महान सूफी दरवेश शेख बाबा फरीद ने जितना सारी मानव जाति को मिठास, विनम्रता, सादगी और बुरे का भला करन का महान उपदेश दिया। उनकी शिक्षाएं को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाने के मनोरथ सदका हर साल की तरह इस साल भी फरीदकोट में 18 से 28 सितम्बर तक मनाए जा रहे आगमन पर्व के वें दिन हरेक के भले के लिए विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।
यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा टिल्ला बाबा फरीद से पांच प्यारों के नेतृत्व में आरंभ हुआ। इसमें शामिल भारी संख्या में संगत ने अलग-अलग वाहनों पर लगे लाऊड स्पीकरों के द्वारा बाबा फरीद जी की ईश्वरीय वाणी का गुणगान करके संगत को निहाल किया।
नगर कीर्तन में शामिल एक विशेष वाहन पर श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की पालकी फूलों के साथ सजाी हुई थी जिस पर दोनों रास्तों में खड़ी साध संगत ने फूलों की वर्षा करके सीस झुकाया और हरेक के भले की कामना की।
इस दौरान सभी रास्ते पर संगत ने बहुत श्रद्धा के साथ नगर कीर्तन के आगे आगे चल कर पूरे रास्तों की सफाई की। इसके इलावा श्रद्धालुओं की तरफ से जगह-जगह पर चाय, मिठाई, फल आदि के लंगर भी लगाए गए।
बाबा फरीद जी की उच्चारण करी वाणी का जाप करते जब यह नगर कीर्तन डिप्टी कमिश्नर निवास और पहुंचने से तो यहां डिप्टी कमिशनर श्री कुमार सौरभ राज फरीदकोट ने अपने परिवार समेत श्री गुरु ग्रंथ साहब की देह और रुमाला भेंट किया और नतमस्तक होकर आशीर्वाद लिया। इससे पहले अपने निवास स्थान के बाहर डिप्टी कमिश्नर ने श्रद्धालुओं की लड्डूओं और चाय के लंगर के साथ सेवा भी की।
इस तरह यह महान नगर कीर्तन शहर के प्रमुख चौक से होता हुआ गुरुद्वारा माईगोदडी साहब में पहुँचा तो यहां पहुंच कर इसने विशाल धार्मिक दीवान का रूप धारण कर लिया। इस मौके पर मशहूर रागी जत्थों ने संगत को मनोहर कीर्तन के साथ निहाल किया।