गर्मी दिखाने लगी रंग, पारा 37 से पार
अप्रैल के पहले सप्ताह में ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरु कर दिया है। जबकि पहले जून जुलाई में जाकर पारा 40 के करीब पहुंचता था। लेकिन अब अप्रैल के शुरुआत में ही पारा 37 डिग्री को पार कर चुका है। जिसने लोगों के पसीन छुड़वा दिए हैं। चिलचिलाती धूप की गर्मी के दौर में दोपहर के समय बाजारों में भी विरानी छाई रहती है। गर्मी की ओर से अ
जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब
अप्रैल के पहले सप्ताह में ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। पहले जून जुलाई में जाकर पारा 40 के करीब पहुंचता था। अप्रैल के शुरुआत में ही पारा 37 डिग्री को पार कर चुका है जिसने लोगों के पसीन छुड़वा दिए हैं। चिलचिलाती धूप की गर्मी के दौर में दोपहर के समय बाजारों में भी विरानी छाई रहती है।
गर्मी अपना रौद्र रूप दिखाने के कारण लोग दोपहर के समय घरों से या दुकानों से बाहर निकलने से गुरेज करने लगे हैं। लोगों का मानना है कि अभी से गर्मी में लोगों के पसीने छूट रहे है जून जुलाई में क्या होगा। इस बढ़ रही गर्मी के कारण जहां फ्रिज व बर्फ की बिक्री बढ़ी है वहीं कूलर व एसी की बिक्री भी काफी बढ़ गई है। कूलर वालों का कार्य इन दिनों पूरे जोरों पर है। लोग अपने पुराने कूलरों की मरम्मत करवाने के लिए शहर ला रहे हैं और कुछ कुछ लोग नए कूलरों की खरीद कर रहे हैं।
कूलरों वालों ने भी सीजन के हिसाब से कूलरों की बढी बिक्री को देखते हुए इनकी कीमत में बढ़ोतरी कर दी है। जैन इलैक्ट्रानिक्स के मालिक का कहना है कि जहां गरीब व ग्रामीण लोग कूलर को पहल दे रहे हैं वहीं शहरी व अमीर लोग एसी को पहल दे रहे हैं। उनका कहना है कि कूलर गर्मी से राहत नहीं पहुंचाता। इसके अलावा कूलर रिपेयर का कार्य करने वाले मनीश कुमार व संजीव कुमार ने कहा कि महंगाई बढ़ने के कारण तेल, रंग व अन्य स्पेयर पार्टस के दाम पहले से काफी बढ़ गये हैं जिसके चलते उनको भी मजदूरी के दाम बढ़ाने पड़े है, नहीं तो इतनी महंगाई में अपना गुजारा करना मुशिकल है। इनसेट
ठंडे पेय पदार्थों का बढ़ा चलन
लोगों ने गर्मी से बचने के लिए निबु पानी, लस्सी आदि का प्रयोग करना शुरु कर दिया है। बाजारों में गन्ने का जूस सबसे अधिक बिकर रहा है। लोग टोपी आदि पहनकर गर्मी से बचने लगे हैं। बच्चों पर गर्मी का अधिक प्रभाव हो रहा है। पक्षी भी गर्मी से बचने के लिए अपने तौर पर प्रयास करने लगे हैं।