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कौंसिल को काउ सेस में मिला मात्र आठ हजार

भले ही सरकार द्वारा सरकारी कामों में पारदर्शिता लाने व सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए राइट टू इंफार्मेशन (आरटीआइ) कानून पास किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 10:33 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 10:33 PM (IST)
कौंसिल को काउ सेस में मिला मात्र आठ हजार
कौंसिल को काउ सेस में मिला मात्र आठ हजार

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब : भले ही सरकार द्वारा सरकारी कामों में पारदर्शिता लाने व सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए राइट टू इंफार्मेशन (आरटीआइ) कानून पास किया गया था। किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी विभाग संबंधी जानकारी को एक निर्धारित समय में देना यकीनी बनाया गया था, परंतु कुछ सरकारी विभागों के कर्मचारी सरकार के इस कानून को ताक पर रख जहां अपनी जिम्मेवारी से भागते प्रतीत हो रहे हैं, वहीं अधूरी जानकारी देकर समय निकाला जा रहा है। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया जब एडवोकेट कदंबानी अरोड़ा द्वारा नगर कौंसिल से काऊ सैस के बारे में आरटीआइ अधीन मांगी गई जानकारी अधूरी देकर पीछा छुड़वाने की कोशिश की गई है। पत्रकारों को जानकारी देते एडवोकेट कदंबानी अरोड़ा ने बताया कि पंजाब सरकार की हिदायतों पर जिला प्रशासन द्वारा जिले में घूम रहे बेसहारा गोवंश की संभाल के लिए जिले के गांव रत्ता टिब्बा में एक सरकारी गोशाला का निर्माण किया था, जिसमें 1700 के करीब गोवंश को रखा गया है। उन्होंने बताया कि जब उक्त गोशाला का दौरा किया गया, तो देखा कि गोवंश की हालत दयनीय बनी हुई थी कि गोवंश ठंड व भूख के कारण मौत के मुंह में जा रहा था। इस उपरांत उनके द्वारा तुरंत जहां जिला प्रशासन से संपर्क किया गया, वहीं जिले में गोशाला चला रही संस्थाओं को अवगत करवाया। प्रशासन से हुई बैठक में जब जिले में एकत्रित हो रहे काऊ सेस संबंधी पूछा गया तो उन्होंने कोई तसल्लीबख्श जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद उनके द्वारा आरटीआइ लगाकर नगर कौंसिल से एकत्रित हो रहे काओ सैस बारे जानकारी मांगी गई। जवाब में हैरानी की कोई हद न रही जब नगर कौंसिल कार्यालय द्वारा आरटीआइ के दिए जवाब में सिर्फ अब तक आठ हजार रुपये एकत्रित करने की जानकारी दी गई। इस दौरान अन्य विभाग व मैरिज पैलेस वालों को पत्र लिखने की बात कही गई।

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गोवंश की संभाल पर एक पैसा भी नहीं लगाया गया

एडवोकेट अरोड़ा ने नगर कौंसिल द्वारा भेजे पूरे विवरण की कॉपी दिखाते हुए कहा कि एक ओर सरकार काऊ सेस के नाम पर करोड़ों रुपये एकत्रित कर रही है, परंतु गोवंश की संभाल पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया जा रहा। यहीं बस नहीं गत दिवस पंजाब सरकार द्वारा राज्य की गोशालाओं के लिए जारी की गई करीब दो करोड़ रुपये की ग्रांट में से अभी तक जिला प्रशासन द्वारा एक पैसा भी सरकारी गोशाला के लिए नहीं भेजा गया, जबकि गोशाला में तूड़ी व हरे चारे की कमी के कारण गोवंश भूखमरी का शिकार हो रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि बेजुबान गोवंश के नाम पर एकत्रित किए जा रहे पैसे को इन पर ही खर्च करके अच्छी तरह संभाल की जाए ताकि प्रतिदिन सडकों पर हो रहे हादसों को नकेल डाली जा सके।


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