बंद रहे जिले भर के निजी स्कूल
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब सरकारी स्कूलों की तरह सुविधाएं देने व शिक्षा संबंधी नीतियां तैया
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
सरकारी स्कूलों की तरह सुविधाएं देने व शिक्षा संबंधी नीतियां तैयार करने में बराबर की सहमति लेने की मांग को लेकर चल रहे संघर्ष के अधीन शनिवार को जिले भर के सीबीएसई स्कूल बंद रहे। जिले भर में 200 के करीब प्राइवेट स्कूल हैं। लेकिन इनमें से 100 के करीब स्कूल ऐसे हैं जो सीबीएसई से संबंधित हैं। स्कूल प्रबंधकों जिलाध्यक्ष हरचरण ¨सह बराड़, संदीप गिरधर का कहना है कि शिक्षा से संबंधित कोई भी नीति बनाते समय उनकी सलाह नहीं ली जाती जबकि 60 प्रतिशत बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। सरकार कोई भी स्कूलों के प्रति नीति तैयार करती तो उसमें प्राइवेट स्कूलों का पक्ष नहीं जाना जाता बल्कि उन पर मामला थोप दिया जाता है। बाद में भी उनकी कोई सुनवाई नहीं की जाती। शिक्षा का ढांचा तक खराब कर दिया गया है। सरकार ने शिक्षा का माहौल बिगाड़कर रख दिया है। प्राइवेट स्कूलों को लुटेरे तक कहा जाता है।
जो भी कानून बनाया जाता है वह सरकारी स्कूलों के हक में बनाया जाता है। कुछ स्कूलों को छोड़कर दूसरे सभी स्कूल ऐसे हैं जोकि बहुत कम फीस पर पढ़ा रहे हैं और अपने खर्च तक नहीं निकाल सकते। स्कूल प्रबंधक सरकारी स्कूलों के बराबर का हक देने, शिक्षा संबंधी नीति तैयार करते समय प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों का पक्ष जानने, भेदभाव खत्म करने, सरकारी स्कूलों की तरह पुस्तकें, बैग, मिड डे मील, साइकिल आदि सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली रैली के बाद जो भी फैसला आएगा उसके अनुसार ही अगला संघर्ष किया जाएगा। ताकि प्राइवेट स्कूलों को बचाया जा सके।