खेत मजदूरों ने फूंका संघर्ष का बिगुल
पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेतृत्व में जिले के सैकड़ों खेत मजदूरों ने सोमवार को मिनी सचिवालय के समक्ष मांगों को लेकर धरना देते हुए संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। इस दौरान खेत मजदूरों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए खूब भड़ास निकाली। प्रदर्शन में खेत मजदूर परिवार की महिलाएं भी शामिल थीं। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष गुरजंट ¨सह
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेतृत्व में जिले के सैकड़ों खेत मजदूरों ने सोमवार को मिनी सचिवालय के समक्ष मांगों को लेकर धरना देते हुए संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। इस दौरान खेत मजदूरों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए खूब भड़ास निकाली। प्रदर्शन में खेत मजदूर परिवार की महिलाएं भी शामिल थीं।
कार्यकारी अध्यक्ष गुरजंट ¨सह साउंके व जिला सचिव तरसेम ¨सह खुंडे हलाल ने कहा कि सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण खेत मजदूरों का जीना दूभर हो गया है। निजीकरण की ओर बढ़ते कदम मजदूर वर्ग से शिक्षा, सेहत व रोजगार जैसी प्राथमिक सहूलियतें छीनते जा रहे हैं। सुक्खा ¨सह ¨सघेवाला, बाज ¨सह भुट्टीवाला, राजा ¨सह खुन्नण खुर्द व काका ¨सह खुंडे हलाल ने कहा कि आजादी के सात दशकों के बाद भी खेत मजदूर प्राथमिक सहूलियतों से वंचित हैं। आटा-दाल व बुढ़ापा पेंशन जैसी सहूलियतें भी सियासतदानों की मुठ्ठी में हैं। इसका लाभ सिर्फ नेताओं के चहेतों को ही मिलता है। प्रदर्शनकारियों ने खेत मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने, मजदूरी पांच सौ रुपये करने, मनरेगा का बकाया जारी करने, जरुरतमंद मजदूरों को दस मरले के प्लाट देने, बुढ़ापा पेंशन तुरंत जारी करने, खेत मजदूरों के कर्ज माफ करने, मजदूरों के बिजली बिल माफ करने समेत अन्य मांगों को पूरा करने की जरुरत पर जोर दिया। इस मौके गुर¨वदर ¨सह लक्खेवाली, अमरीक ¨सह भागसर, जस¨वदर कौर दबड़ा समेत अन्य भी उपस्थित थे। धरने उपरांत खेत मजदूरों ने प्रशासन को सरकार के नाम संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।