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किसानों को करेंगे पराली प्रबंधन के लिए जागरूक

धान की पराली को बिना जलाए संभालने में अग्रणी रहे जिला श्री मुक्तसर साहिब ने अगले साल इस बुराई को पूरी तरह से खत्म करने के लिए चेतना मु¨हम शुरू की गई है। इस संबंधी खेतीबाड़ी व किसान भलाई विभाग द्वारा जिले के गांव-गांव में जाकर किसानों को उन्होंने खेतों का दौरा करवाया जा रहा है जहां इस बार किसानों ने पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई की है। जिला खेतबाड़ी अधिकारी बल¨जदर ¨सह बराड़ ने कहा कि जब किसान खुद अपनी आंखों से देखते है कि उनके गांव के ही किसी अन्य किसान ने जो गेहूं

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 04:56 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 04:56 PM (IST)
किसानों को करेंगे पराली प्रबंधन के लिए जागरूक
किसानों को करेंगे पराली प्रबंधन के लिए जागरूक

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

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पराली को बिना जलाए संभालने में अग्रणी रहे जिला श्री मुक्तसर साहिब ने अगले साल इस बुराई को पूरी तरह से खत्म करने के लिए चेतना मुहिम शुरू की गई है। इस संबंधी खेतीबाड़ी व किसान भलाई विभाग द्वारा गांव-गांव में जाकर किसानों को उन्होंने खेतों का दौरा करवाया जा रहा है जहां इस बार किसानों ने पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई की है। जिला खेतबाड़ी अधिकारी बल¨जदर ¨सह बराड़ ने कहा कि जब किसान खुद अपनी आंखों से देखते है कि उनके गांव के ही किसी अन्य किसान ने जो गेहूं खड़ी पराली में हैपी सीडर से बीजकर अपने खर्चे भी कम किए थे, व अब उसकी फसल खड़ी भी बहुत अच्छी है तो उनके मन के भ्रम दूर होते हैं। उन्होंने कहा कि पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई की तकनीकपूरी तरह से कामयाब है, परंतु किसानों ने इन्हें नहीं देखा था इसलिए उनके मनों में भ्रम थे, जबकि अब जब वह खुद ऐसे किसानों के खेत देखते है तो उनके यह भ्रम दूर हो रहे हैं। बल¨जदर ¨सह बराड़ ने कहा कि हैपी सीडर से गेहूं की बिजाई करने के साथ किसानों के खर्चें कम किए हैं, खेत में नदीन कम उगते है व झाड़ पर कोई असर नहीं होता हैं।

किसानों को जागरूक करने के लिए विभाग ने सभी गांवों में कैंप लगाने का निर्णय किया हैं। जिला खेतीबाड़ी अधिकारी बल¨जदर ¨सह के अनुसार विभाग द्वारा अब तक 17 कैंप लगाए जा चुके है। उन्होंने कहा कि एक कैंप में चार गांवों के किसानों को एकत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक 62 कैंप लगाकर किसानों को पराली प्रबंधन के परिणाम समझाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नई तकनीक अपनाने वाले किसानों की मुश्किलों का हल भी इन कैंपों में किया जा रहा है।

जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में खेतीबाड़ी विभाग द्वारा पराली प्रबंधन संबंधी झांकी सजाई गई थी। यह झांकी बहुत पसंद की गई व इसने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस झांकी में पराली को जलाने के नुकसान व इसे बिना जलाए गेहूं की बिजाई करने के सुधरे ढंग दर्शाए गए थे। इसलिए कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू ने विभाग को सम्मानित भी किया।

आत्मा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर करनजीत ¨सह ने बताया कि जिले में सबसे अधिक खेती औजार किसानों को सब्सिडी पर मुहैया करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में 971 खेती औजार मुहैया करवाए गए हैं ताकि किसान पराली को बिना जलाए गेहूं की बिजाई कर सकें। इस के तहत जिले में किसानों को 7 करोड़ 55 लाख 57 हजार 906 रुपये की सब्सिडी किसानों को मुहैया करवाई गई हैं।


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