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25 मिनट में 20 प्रस्ताव हुए पारित

नगर कौंसिल की सोमवार को हुई बैठक के दौरान 25 मिनट में 20 प्रस्ताव पारित कर दिए। जोकि दो करोड़ रुपये से भी अधिक राशि के हैं। हालांकि बैठक पूरा एक घंटा चली। लेकिन पहले 35 मिनट एक भी प्रस्ताव पढ़ने तक नहीं दिया गया। सभी पार्षदों अपनी अपनी डुगडुगी बचाते रहे। जैसे ही अंतिम प्रस्ताव पारित होने पर पार्षध जीता ने प्रधान पर आरोप लगाने शुरु किए तो प्रधान उठकर चलते बने। जिसके बाद एक बार तो शोर मच गया। लेकिन बाद में मात्र तीन पार्षदों के साथ जीता ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी। बैठक की सबसे खास बात यह रही कि पहली बार यह बैठक पुलिस सुरक्षा में हुई। क्योंकि इसमें हंगामा का पूरा खतरा था।बार बार कहने पर भी बाहर से आए लोग बैठक से

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 05:32 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 07:02 PM (IST)
25 मिनट में 20 प्रस्ताव हुए पारित
25 मिनट में 20 प्रस्ताव हुए पारित

जागरण संवाददाता, श्री मुक्तसर साहिब

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नगर कौंसिल की सोमवार को हुई बैठक में 25 मिनट में 20 प्रस्ताव पारित कर दिए जोकि दो करोड़ रुपये से भी अधिक के हैं। हालांकि बैठक पूरा एक घंटा चली। लेकिन पहले 35 मिनट एक भी प्रस्ताव पढ़ने तक नहीं दिया गया। सभी पार्षदों अपनी अपनी डुगडुगी बजाते रहे। अंतिम प्रस्ताव पारित होने पर पार्षद जीता ने प्रधान पर आरोप लगाने शुरू किए तो प्रधान उठकर चलते बने। इसके बाद एक बार तो शोर मच गया लेकिन बाद में मात्र तीन पार्षदों के साथ जीता ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी। बैठक की सबसे खास बात यह रही कि पहली बार यह बैठक पुलिस सुरक्षा में हुई। क्योंकि इसमें हंगामा का पूरा खतरा था।

नगर कौंसिल की बैठक 11:05 बजे शुरु हुई। लेकिन प्रस्ताव पढ़ने से पहले ही पार्षदों ने इस बार पर गरारी फंसा ली कि प्रस्ताव रखने के लिए उनकी कोई सलाह नहीं ली गई। पार्षदों ने बाजारों में हुए अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक की समस्या का मुद्दा उठाया। फायर ब्रिगेड के गेट के आगे, ब¨ठडा रोड, हकीमा वाली गली, गलियों में बनी थड़ी आदि का मुद्दा उठाया गया। करीब 35 मिनट तक यही सिलसिला चलता रहा।

शहर के कुछ हिस्से में सीवरेज डालने की बात हुई तो सभी ने हंगामा कर दिया। जिस पर एक अधिकारी ने कहा कि पूरे शहर की बात अमृत सिटी में है। जिस पर पार्षद बोले अमृत सिटी नूं तां तिन्न साल होगे। ओदों तां बनी नीं। होर पता नीं कदों बनू तुसीं साडे सीवरेज दा हल्ल करो। एक पार्षद का कहना था कि जब बैठक में हुए फैसलों को लागू ही नहीं करना तो बैठक करने का क्या लाभ। शहर से जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाया जाए।

20 प्रस्तावों में सीवरेज, कर्मियों को बनते लाभ देने, विकास के लिए सामान खरीदने, कर्मियों की उन्नित करने, स्वच्छता के अधीन काम करने, स्ट्रीट लाइटों के लिए तार, मेला माघी पर होने वाले काम, पानी निकासी के लिए पाइप लाइन डालने, आदि समेत दो करोड़ रुपये से अधिक की कीमत के प्रस्ताव पारित किए गए। इनसेट

पार्षद जीता ने निकाली भड़ास

जैसे ही पार्षद गुरमीत ¨सह जीता ने अपना कागजात लेकर प्रधान पर आरोप लगाने शुरु किए तो प्रधान उठकर चलते बने। उनके साथ ही कई लोग और भी चले गए। इस दौरान जीता ने कहा कि आह देखो प्रधान जांदा। गेट पर जाकर प्रधान ने कहा कि असीं तेरी मां दा सियापा कीतै। जिसके बाद वह तो चलते बने और पार्षद गुरमीत जीता ने अपनी भड़ास निकाली और प्रधान पर कमीशन खाने, सरकारी खाते से अपनी गाड़ी में तेल डलवाने समेत अन्य आरोप लगाए। जबकि प्रधान हरपाल ¨सह बेदी ने कहा कि इसकी तीन बार तो जांच हो चुकी है। यह बिना वजह ही इसे लेकर घूम रहा है। यदि कोई सच्चाई होती तो अब तक कुछ हो गया होता।


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