किसानों ने तीन जगह रेलवे ट्रैक पर दिया धरना, सात गाड़ियां प्रभावित
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिसा के विरोध में किसाने ने तीन जगहों पर धरना दिया।
जागरण टीम, श्री मुक्तसर साहिब मलोट, गिद्दड़बाहा
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत के मामले में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों ने सोमवार को रेलवे ट्रैकों पर धरने दिए। श्री मुक्तसर साहिब, मलोट और गिद्दड़बाहा में रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर दिए गए धरनों के चलते सुबह दस से शाम के चार बजे तक आने-जाने वाली ट्रेनों को पीछे ही रोक दिया गया। धरने के कारण जिले में सात ट्रेनें प्रभावित हुईं। किसानों ने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को मंडीमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे।
श्री मुक्तसर साहिब में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर धरना दिया गया। इस धरने के कारण फाजिल्का से रेवाड़ी और रेवाड़ी से फाजिल्का जाने वाली ट्रेनों का आवागमन नहीं हो सका। इन दोनों ट्रेनों को बठिडा और फाजिल्का में रोक दिया गया। धरने में जगदेव सिंह कानियांवाली, सुखदेव सिंह बूड़ा गुज्जर, मास्टर बलविदर सिंह, गुरमीत सिंह लंबी ढाब, खुशवंत सिंह, रुपिदर सिंह डोहक, जसविदर सिंह झबेलवाली, निर्मल सिंह जस्सेआना आदि नेताओं ने संबोधित किया।
मलोट में भी किसानों ने रेलवे स्टेशन पर श्रीगंगानगर-बठिडा रेलवे ट्रैक पर धरना दिया। धरने के कारण अंबाला से श्रीगंगानगर जाने वाली दो ट्रेनें, बठिडा से श्रीगंगानगर को जाने वाली एक ट्रेन तथा श्रीगंगानगर से अंबाला को जाने वाली दो ट्रेनें रद करनी पड़ी। इन ट्रेनों को बठिडा, बरनाला और श्रीगंगानगर के रेलवे स्टेशनों पर ही रोक दिया गया। इस ट्रैक पर कुल पांच ट्रेनों का आवागमन नहीं हो सका। धरने को महल सिंह शामखेड़ा, सतनाम सिंह सरावां बोदला, बलजीत सिंह बोदीवाला, सुरजीत सिंह औलख, अवतार सिंह मिठड़ी, हरभगवान सिंह लंबी आदि नेताओं ने संबोधित किया। उधर, गिद्दड़बाहा रेलवे स्टेशन पर भी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों की ओर से धरना दिया गया। श्रीगांगनगर-बठिडा रेलवे ट्रैक पर स्थित गिद्दड़बाहा में भी उक्त पांचों ट्रेन प्रभावित हुई। यहां पर गोरा सिंह फकरसर, नानक सिंह, गुरजंट सिंह मधीर, जगमीत सिंह थराजवाला, नेता सिंह कोटभाई, कुलवंत सिंह थराजवाला आदि किसान नेताओं ने संबोधित किया।