अध्यात्मवाद को छोड़ पदार्थवाद की ओर जा रहा मनुष्य
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब गांव सराएनागा की संगत द्वारा मंगलवार से तीन दिवसीय कीर्तन दरबा
संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब
गांव सराएनागा की संगत द्वारा मंगलवार से तीन दिवसीय कीर्तन दरबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पहले दिन बड़ी संख्या में उमड़ी संगत ने कीर्तन का आनंद उठाया।
भाई साहिब भाई गुरदेव ¨सह जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि मानव अध्यात्मवाद को छोड़ कर पदार्थवाद की तरफ जा रहा है। यही कारण है कि वह इस संसार को सत्य समझ बैठा है और इस संसार को पाने के लिए दिन रात स्वपन देखता रहता है। यही कारण है कि इंसान में अहंकार, धोखा, बेईमानी इत्यादि कई प्रकार की कुरीतियां जन्म ले रही है। इस सब के कारण इंसान के गुण भी अवगुणों में तब्दील हो जाते हैं। ऐसे हालातों में समाज का रक्षक कहलाने वाला इंसान भक्षक बन जाता है। समाज में न्याए मिलने के स्थान पर अन्याय, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार व पापाचार का बोलबाला हो रहा है। उनके अनुसार पदार्थवादी होने के कारण आज इंसान के रिश्तेनातों में गिरावट आ रही है। धन दौलत को तरजीह देने के कारण रिश्ते नाते टूटने लगते है। कदर कीमतों में गिरावट आने से मानव के चरित्र का पतन हो रहा है।
ऐसे हालातों का एक कारण नशा भी है। जो आज के समय हमारी नौजवान पीढी को घुन की तरह खा रहा है। क्योंकि नशे में फंस कर इंसान को पता नही चलता कि वह क्या करें और क्या ना करें। उन्होंने कहा कि जब भी इंसान अपने मूल को भूल कर संसार को पकड़ता है तो ही ऐसे हालातों का जन्म होता है। ऐसे हालातों में वह प्रभु इंसान पर दया कर किसी न किसी महापुरुष के रूप धारण पर अवतार लेकर आते है। मानव के मार्ग दर्शन के लिए इंसान के गिरते चरित्र को उंचा उठाने के लिए, नशे रूपी दल-दल में से निकालने के लिए ही महा पुरुषों का जन्म होता है। क्योंकि महापुरुष इंसान को पदार्थवाद से अध्यात्मवाद की तरफ लेकर जाते हैं जिससे इंसान के आगुण देवी गुणों में बदल जाते हैं। और इंसान बुरे कामें को छोड़ कर अच्छाई की और अग्रसर होता है और एक अच्छे समाज का निर्माण करता है।