मां का दूध बच्चों में बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता
स्वास्थ्य विभाग पंजाब और सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला में सेमिनार करवाया गया।
संवाद सूत्र, श्री मुक्तसर साहिब
स्वास्थ्य विभाग पंजाब और सिविल सर्जन डा. रंजू सिगला और सीएचसी चक्क शेरेवाला के सीनियर मेडिकल अधिकारी डा. वरुण वर्मा की अगुआई में एक अगस्त से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। डा. वर्मा और बीईई मनबीर सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनीसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार बच्चों की सेहत, पोषण और विकास के लिए मां का दूध बहुत जरूरी है। बच्चो के जन्म से एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करवाना और पहले छह माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध देना चाहिए। कम से कम दो साल तक स्तनपान जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधा अधूरा स्तनपान या स्तनपान को उचित समय तक जारी न रखने के कारण बच्चों में निमोनिया और डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियां से प्रत्येक वर्ष एक लाख बच्चों की मौत हो जाती है। इसके अलावा बच्चे मोटापे का शिकार होते हैं और प्रत्येक वर्ष लगभग आठ हजार औरतों में ब्रेस्टकैंसर और लगभग 1800 औरतों में ओवरी कैंसर के केस सामने आ रहे हैं। स्तनपान ना करवाने वाली औरतों में टाईप - दो शुगर पाई जाती है। उन्होंने बताया कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान बच्चों में रोगों के साथ लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए भी स्तनपान लाजिमी है। कोरोना पाजिटिव महिलाएंकुछ सावधानियां रख कर स्तनपान करवा सकतीं हैं। सब सेंटर नंदगढ़ के स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि स्तनपान करवाने से मां और बच्चे दोनों को ही फायदा होता है। यह परिवार नियोजन का एक साधन भी है। यह बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सर्वांगीण विकास के लिए लाभदायक है।