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प्रवेश पत्र पर परीक्षा का समय दो बजे, शुरू हुआ 10 बजे

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब वैसे तो शिक्षा विभाग कोई न कोई गलती कर हमेशा चर्चा में रहता है,

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Mar 2018 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 12 Mar 2018 06:21 PM (IST)
प्रवेश पत्र पर परीक्षा का समय दो बजे, शुरू हुआ 10 बजे
प्रवेश पत्र पर परीक्षा का समय दो बजे, शुरू हुआ 10 बजे

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब

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वैसे तो शिक्षा विभाग कोई न कोई गलती कर हमेशा चर्चा में रहता है, लेकिन सोमवार को दसवीं की शुरू हुई परीक्षा में नईं-नई गलती कर विभाग ने विद्यार्थियों को नईं दुविधा में डाल दिया। हालांकि दसवीं की परीक्षा सुबह दस बजे शुरू होनी थी लेकिन एक ही स्कूल के सात विद्यार्थी ऐसे थे जिनकी रोल नंबर स्लिप पर यह समय दो बजे लिखा गया। जिस कारण विद्यार्थी परीक्षा केंद्र ही नहीं पहुंचे और परीक्षा केंद्र से फोन पर सूचना देने के बाद वह एक घंटा देरी से आए और परीक्षा में बैठे। भले ही इन्हें एक घंटा और दे दिया गया लेकिन जो मानसिक परेशानी झेलनी पड़ी वह परीक्षा के रिजल्ट पर भारी पड़ेगी। सोमवार को दसवीं कक्षा का पहला अंग्रेजी का पेपर था जिसके लिए सुबह दस बजे का समय दिया गया था। लेकिन गांव रहूड़ियांवली के संत कबीर पब्लिक स्कूल के सात विद्यार्थियों के रोल नंबर पर यह समय दो से पांच बजे का लिखा गया था जिस कारण वह विद्यार्थी आए ही नहीं। जब परीक्षा शुरु हुई तो स्कूल का कोई भी विद्यार्थी न आने के कारण परीक्षा केंद्र से स्कूल को फोन किया गया। जिसके बाद स्कूल ने बच्चों को सूचना दी और बच्चे जल्दबाजी में परीक्षा केंद्र में पहुंचे।

परीक्षा देने आए बच्चों के परिजनों बलजीत ¨सह, सुख¨जदर ¨सह, चरण ¨सह आदि का कहना था कि उन्हें पहले कोई सूचना नहीं दी गई। जबकि उन्हें तो 10 :20 बजे बताया गया जब परीक्षा शुरू हो चुकी थी। ऐसे में बच्चों का नुकसान भी होगा क्योंकि बच्चे परीक्षा में 11 बजे से बाद बैठे हैं। उन्हें भले ही समय तो मिल जाएगा लेकिन मानसिक परेशानी के कारण परीक्षा सही ढंग से नहीं हो पाएगी।

इसके अलावा सीआरएम डीएवी स्कूल में दसवीं की परीक्षा के दौरान बच्चों ने स्टाफ पर मानसिक तौर पर परेशान करने का आरोप लगाया है। बच्चों के परिजन याद¨वदर ¨सह, संदीप ¨सह, गज्जन ¨सह धर¨मदर ¨सह ने बताया कि वह अपने बच्चों को लेकर स्कूल तो आ गए। लेकिन यहां पर आकर स्कूल वाले उनसे आधार कार्ड की मांग कर रहे हैं। जबकि विभाग के ऐसे कोई निर्देश नहीं है। जो नजदीक वाले बच्चे थे वह तो ले आए लेकिन जो बच्चे बीस किलोमीटर दूरी से आए हैं वह कहां से लाएं। परिजनों के बार बार कहने पर बच्चों को एक बार परीक्षा में बिठा लिया गया। इनसेट

प्रबंधकों ने नहीं दिया ध्यान

स्कूल की मैडम परमजीत कौर का कहना था कि उन्होंने ही रोल नंबर बच्चों को दिए थे। हैरानी की बात है कि स्कूल प्रबंधकों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। इनसेट

बच्चों को दिया गया ज्यादा समय : डीइओ

जिला शिक्षा अधिकारी मलकीत ¨सह का कहना था कि उन्होंने बच्चों को अधिक समय दिलवा दिया है जोकि उनका खराब हुआ था। इनसेट

विभाग ने की गलती : हरगुरजीत कौर

शिक्षा विभाग की सचिव हरगुरजीत कौर ने माना कि विभाग से यह गलती हुई है। सात नहीं बल्कि अन्य भी कई बच्चों की रोल नंबर पर समय गलत लिखा गया है। लेकिन इस संबंध में उन्होंने सूचना दे दी थी सभी सेंटर को भी अवगत करवा दिया था।


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