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गुरु ही खोल सकता है दिव्य नेत्र : गुरदेव सिंह

संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब) दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गांव बुट्टर शरीह में

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Apr 2018 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 06 Apr 2018 03:57 PM (IST)
गुरु ही खोल सकता है दिव्य नेत्र : गुरदेव सिंह
गुरु ही खोल सकता है दिव्य नेत्र : गुरदेव सिंह

संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)

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दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गांव बुट्टर शरीह में दो दिवसीय कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। कीर्तन दरबार के पहले दिन भाई गुरदेव ¨सह ने कहा कि बर्तमान समाज में बहुत से लोग अध्यात्म के मार्ग पर चल रहे हैं पर ये दावा खोखला व आधारहीन लगता है। उसके अंदर कहीं भी आध्यात्मिक झलकती दिखाई नहीं देती।

असल रुप में अध्यात्मिक बनने की पहली मुख्य शर्त यह है कि हम अध्यात्म के मूल अर्थ को जान जाए अध्यात्म का सीधा संबंध हमारे अंतर जगत के साथ भाव की हमारी आत्मा से है व्यक्ति को आध्यात्मिक बनने के लिए अपने इस अंतर जगत से जुड़ने पड़ेगा। परमात्मा का प्रत्यक्ष दीदार करना होगा। भाई गुरदेव ने कहा कि ये तभी संभव हो सकता है जब किसी पूर्ण संत सतगुरु की कृपा से दिव्य नेत्र प्राप्त हो जाए। अगर ऐसा नहीं होता तो हमारी हालत उस अंधे व्यक्ति की तरह है जो अपनी वस्तुओं को हाथ पैर से जानने की कोशिश करता है तथा धोखा खा जाता है। इसलिए अध्यात्म की जानकारी के लिए दिव्य नेत्र की जरुरत है जो पूर्ण सतगुरु की शरण में जाके ही प्राप्त हो सकता है।


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