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नरमे की पैदावार बढ़ाने लिए प्रयास किए शुरू

पंजाब सरकार के खेतीबाड़ी विभाग तथा जिले के किसानों के साझे प्रयास से जिले में नरमे की पैदावार में लगातार बढ़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 06:09 AM (IST)
नरमे की पैदावार बढ़ाने लिए प्रयास किए शुरू
नरमे की पैदावार बढ़ाने लिए प्रयास किए शुरू

संवाद सहयोगी, श्री मुक्तसर साहिब : पंजाब सरकार के खेतीबाड़ी विभाग तथा जिले के किसानों के साझे प्रयास से जिले में नरमे की पैदावार में लगातार बढ़ रही है। कृषि विभाग ने जिले में 2020 दौरान नरमे का रकबा 72000 हेक्टेयर से बढ़ाकर एक लाख पांच हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा है। अच्छी पैदावार के लिए योजना बनानी शुरू कर दी है। वीरवार को डीसी एमके अराविद कुमार ने बैठक कर हिदायतें दी कि जिले में जहां किसानों को अपने खेतों में नदीन नष्ट करने के लिए प्रेरित किया जाए। वहीं विभाग अपनी जमीनों पर पैदा हुए नदीनों को 31 मार्च से पहले नष्ट करें, क्योंकि नदीनों पर सफेद मक्खी पलती है जो कि नरमे के लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने किसानों से कहा कि वह इस मुहिम में सहयोग करें। इस अवसर पर खेतीबाड़ी अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि 2015 में नरमें की प्रति हैक्टेयर पैदावार 142 किलो थी, जो कि 2016 में बढ़कर 807 किलो, 2017 में 868 किलो, 2018 में 879 किलो तथा 2019 में 897 किलो तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि झाड़ में बढ़ोतरी के कारण किसान तेजी से नरमे की फसल की बीज रहे हैं। नरमा धान के मुकाबले कम पानी से फसल पक जाती है तथा इससे रोजगार में बढ़ोत्तरी होती है। इसलिए डीसी ने कहा कि फसली विभिन्नता प्रोग्राम को सफल करने के लिए किसानों को नरमे की खेती के लिए प्रेरित करने और पूरी जानकारी देने के लिए गांवों में कैंप लगाए जाएं। खेतीबाड़ी अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि सफेद मक्खी से बिना पीली बूटी, पुठ कंडा, धतूरा, दोधक, मिलक वीड, बाथू, कंगी बूटी, चलाई, गुवार, फली भंबेले, तादला, गुलाबी, हुलहुल, मकडवेल, गाजर घास तथा भंग आदि शामिल है। इनको नदीन मारो मुहिम दौरान नष्ट किया जाएगा।

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