ज्ञान मोक्ष का रास्ता : प्रदीप रश्मि
जैसे दीपक के बिना अंधियारे में मंजिल नहीं मिलती वैसे ही ज्ञान के बिना मोक्ष नहीं मिलता।
संवाद सूत्र, मलोट (श्री मुक्तसर साहिब)
जैसे दीपक के बिना अंधियारे में मंजिल नहीं मिलती, वैसे ही ज्ञान के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है। ज्ञान जीवन का सार है, आत्मा का प्रकाश है। ज्ञान जीवन का बहुमूल्य धन है। ज्ञान मनुष्य की चरित्र और व्यवहारिक जीवन को सुंदर बनाता है। ज्ञान व्यक्ति को सत्य के दर्शन कराता है। यह विचार पंजाब सिंहनी प्रदीप रश्मि ने एसएस जैन सभा के प्रांगण में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि जीवन मे आने वाले दुख व विपत्तियां और अशांति का कारण मनुष्य का अज्ञान है। इंसान का सबसे बड़ा शत्रु अज्ञान ही है। अज्ञान ही दुख की परंपरा को चालू करता है। अज्ञान जीवन का अभिशाप होता है। ज्ञान से व्यक्ति सुख शांति व संतोष प्राप्त करता है। इसलिए परमात्मा महावीर ने बहुश्रुत का महात्मय प्रगट किया है। उन्होंने ज्ञान प्राप्ति में पांच दोष व बाधक बताए हैं क्रोध, अहंकार, आलस्य, प्रमाद व रोग। इन दोषों के उपस्थित रहने पर ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। ज्ञान प्राप्ति के लिए विनय का होना जरूरी होता है।
इस अवसर पर एसएस जैन सभा के अध्यक्ष प्रवीण जैन, कोषाध्यक्ष रमेश जैन, धर्मवीर जैन, सुरेश जैन, बिहारी लाल जैन, अमन कुमार जैन, सुनील गर्ग, उमेश नागपाल, मक्खन लाल, लाली गगनेजा व विजय कुमार भी उपस्थित थे।