पगड़ी संभाल जट्टा लहर के नेता अजीत सिंह का मनाया जन्म दिवस
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ गुरुद्वारा साहिब श्री 10वीं पातशाही प्योरी रेलवे फाटक के नजदीक किसान संगठनों की तरफ से सांझे मोर्च की तरफ से पगड़ी संभाल जट्टा के लहर के नेता अजीत सिंह का जन्म दिवस मनाया गया
संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)
केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ गुरुद्वारा साहिब श्री 10वीं पातशाही प्योरी रेलवे फाटक के नजदीक किसान संगठनों की तरफ से सांझे मोर्च की तरफ से पगड़ी संभाल जट्टा के लहर के नेता अजीत सिंह का जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर किसानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। लहर के नेता अजीत सिंह के जीवन संबंधी जानकारी देते किसान नेता लखवीर सिंह, बलराज सिंह तथा कुलदीप सिंह ने बताया कि मोदी सरकार की तरह 1907 में अंग्रेज सरकार तीन किसान विरोधी कानून लेकर आई। जिसके विरुद्ध पंजाब के किसानों में बेहद रोष की भावना पैदा हुई। अंग्रेज सरकार के इन किसान विरोधी कानूनों खिलाफ अजीत सिहं ने आगे आकर किसानों को संगठित किया तथा पूरे पंजाब में बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ। मार्च 1907 में लायलपुर की एक बड़ी रैली में किसानों की दर्द भरी दास्तान वाली पढ़ी गई कविता पगड़ी संभाल जट्टा कारण अंग्रेज सेना को डर पैदा हुआ। इस आंदोलन से सेना तथा पुलिस के किसान घरों के बेटे बगावत कर सकते है। अंत में किसान आंदोलन से घबराई अंग्रेज सरकार ने मई 1907 में ही यह कानून रद्द कर दिए लेकिन अजीत सिंह को छह माह के लिए जेल में डाल दिया। 11 नवंबर 1907 को उसे रिहा कर दिया गया। किसान नेताओं ने कहा कि पगडी संभाल जट्टा लहर के नेता अजीत सिंह के रास्ते पर चलते हुए कारर्पोरेट घरानों की कठपुतली बनकर मोदी सरकार की तरफ से लोगों के लिए यह काले कानून बना दिए है। उन्होंने कहा कि किसानों की तरफ से इन काले कानूनों को रद्द करने के लिए सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी जा रही है।