Move to Jagran APP

बादल गांव में धरने पर बैठे किसान ने निगला जहर, मौत

किसान और लोक विरोधी कृषि विधेयक के के विरोध में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की ओर से गांव बादल में चल रहे छह दिवसीय धरने को चौथे दिन भी जारी रखा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:14 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:14 AM (IST)
बादल गांव में धरने पर बैठे किसान ने निगला जहर, मौत
बादल गांव में धरने पर बैठे किसान ने निगला जहर, मौत

संवाद सूत्र, लंबी (श्री मुक्तसर साहिब) : किसान और लोक विरोधी कृषि विधेयक के के विरोध में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की ओर से गांव बादल में चल रहे छह दिवसीय धरने को चौथे दिन भी जारी रखा। इस दौरान उन्होंने संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए यह मोर्चा 25 सितंबर तक जारी रखने का ऐलान किया।

loksabha election banner

कृषि विधेयक के विरोध में 15 सितंबर से गांव बादल पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की रिहायश के आगे धरना लगाकर बैठे किसानों में से एक किसान प्रीतम सिंह ने शुक्रवार सुबह कोई जहरीली वस्तु निगल ली। किसानों की तरफ से तुरंत ही किसान को पहले गांव बादल के अस्पताल में लाया गया जहां उसकी हालत को गंभीरता को देखते हुए उसे बठिंडा के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी देर शाम मौत हो गई।

किसान प्रीतम सिंह (55) पुत्र बचन सिंह वासी गांव अकावाली मानसा का रहने वाला है। वह धरने में शामिल होने के लिए आया था। प्रीतम सिंह के साथी किसान ने बताया कि वह रात भर सोया नहीं तथा काफी परेशान चल रहा था। शुक्रवार की सुबह ही प्रीतम सिंह ने कोई जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया। जिससे की उसकी हालत बिगड़ गई। जिसकी नाजुक हालत को देखते हुए बठिंडा के एक निजी अस्पताल में उसे रेफर कर दिया, जहां पर उसकी देर शाम तक मौत हो गई।

कार्यकारी महासचिव हरिदर कौर बिंदू तथा श्रृंगारा सिंह मान ने कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से दिया इस्तीफा एक सियासी ड्रामा है। किसान नेताओं ने कहा कि पांच जून से लेकर अब तक हरसिमरत कौर अध्यादेश के संबंध में किसानों को गुमराह कर रहीं थी। जत्थेबंदियों की ओर से अध्यादेश का भरपूर विरोध करने पर हरसिमरत कौर ने इस्तीफा देकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश की है, जबकि केंद्र में मौजूद भाजपा सरकार का अकाली दल की तरफ से समर्थन किया जार हा है।

उन्होंने कहा कि जब तक अकाली दल बादल भाजपा से अलग होकर गठजोड़ नहीं तोड़ता तब तक अकाली दल बादल के खिलाफ भी संघर्ष जारी रहेगा। कुछ पार्टियों के लोग मौका परस्ती करके अपनी राजनीति को चमकाने में लगे हुए है।

तीनों विधेयक को रद करने की मांग पर अड़े किसान

धरने के दौरान किसान नेता राम सिंह भैनी बाघा, पूर्ण सिंह दोदा, महिला विग की नेता हरप्रीत कौर, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के नेता लक्ष्मण सिंह सेवेवाला, नौजवान भारत सभा के नेता अश्वनी कुमार, टीएसयू केनेता जरनैल सिंह, मेडिकल प्रोक्टेक्शन एसोसिएशन केनेता डॉ. मनजिदर सिंह, ठेका मुलाजिम केनेता गुरविदर सिंह व कर्मजीत सिंह छयोजन, पीएसयू शहदी रंधावा केनेता रविंदर सिंह सेवेवाला, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से दीपक अजीज, विद्यार्थी एकता कमेटी यूनिवर्सिटी कॉलेज घंदा से केशव जंगीराणा गुरभगत सिंह भलाईआना, अमरजीत सिंह सैदेके, गुरविदर सिंह ने संबोधन किया। वक्ताओं ने खेती संबंधी तीन विधेयक, बिजली संशोधन बिल 2020 तथा जमीन गृहण संशोधन बिल को रद करने की मांग की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.