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तीन साल से नहीं जलाई पराली व नाड़

खेतीबाड़ी विभाग की प्रेरणा से ब्लाक गिद्दड़बाहा केकिसान तान साल से पराली को आग नहीं लगाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 06:15 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 06:15 PM (IST)
तीन साल से नहीं जलाई पराली व नाड़
तीन साल से नहीं जलाई पराली व नाड़

संवाद सूत्र, गिद्दड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)

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खेतीबाड़ी विभाग की प्रेरणा से ब्लाक गिद्दड़बाहा के किसान भूपिदर सिंह पुत्र जसवंत सिंह 40 एकड़ रकबे में खेती करता है। इस किसान द्वारा कुल 38 एकड़ में धान तथा गेहूं की बुआई की जाती है बाकी रकबे में सब्जियां तथा पशुओं के लिए हरे चारे की कास्त की जाती है। किसान द्वारा तीन सरल पहले पराली प्रबंधन लिए गांठे बनाकर गेहूं की बुआई शुरू की गई थी। खेतीबाड़ी तथा किसान भलाई विभाग के साथ तालमेल करके हैपी सीडर लेने लिए अप्लाई किया गया। किसान द्वारा हैपी सीडर की खरीद की गई तथा विभाग द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी दी गई।

जब पहली बार हैपी सीडर से गेहूं की बुआई की गई तो किसान के मन में डर था कि इस तरह से बुआई करने से गेहूं का कितना झाड़ होगा। लेकिन झाड़ सामने आया तो पराली खेत में ही दबा के बीजी गेहूं तथा आग लगा कर बीजी गेहूं का झाड़ एक क्विटंल निकला। उसके बाद उसने पराली को आग नहीं लगाई। किसान के बताने अनुसार पराली को खेत में दबाने से जमीन की सेहत में बहुत ज्यादा सुधार आया है। उन्होंने किसानों को पराली को आग न लगाकर वातावरण को साफ सुधरा रखने में योगदान डालने लिए प्रेरित किया।


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